भारी मिस्टेक हो गया... अजित पवार को सता रही किस बात की चिंता? उद्धव सेना मांगने लगी इस्तीफा
अगस्त 2024 में शुरू की गई लाडकी बहिन योजना के तहत 21 से 65 वर्ष आयु वर्ग की वैसी पात्र महिलाओं को प्रति माह 1,500 रुपये दिया जाता है, जिनकी सालाना आय 2.5 लाख रुपये से कम है।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजित पवार ने सोमवार को माना कि पिछले साल शुरू हुई लाडकी बहिन योजना के तहत वित्तीय सहायता का भुगतान सभी महिला आवेदकों को कर “बड़ी चूक” हुई है। पवार ने कहा कि जांच के माध्यम से इस गलती को ठीक किया जाएगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि केवल वास्तविक लाभार्थियों को ही सहायता प्राप्त हो। उन्होंने इस चूक के लिए जल्दबाजी में योजना के क्रियान्वयन को जिम्मेदार ठहराया। लाडकी बहिन योजना की घोषणा पिछले साल नवंबर में हुए राज्य विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले की गई थी।
वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाल रहे पवार ने बारामती में संवाददाताओं से कहा, “हमने सभी महिला आवेदकों को वित्तीय लाभ देकर गलती की। हमारे पास आवेदनों की जांच करने और अयोग्य लोगों की पहचान करने के लिए बहुत कम समय था। उस समय, दो से तीन महीने में चुनावों की घोषणा होनी थी।” हालांकि, उन्होंने कहा कि महिलाओं के बैंक खातों में जमा धनराशि वापस नहीं ली जाएगी। पवार ने कहा, “जब इस योजना की शुरुआत की गई थी, तो सरकार ने अपील की थी कि केवल पात्र महिलाएं ही आवेदन करें, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसकी जांच की जा रही है। केवल जरूरतमंद महिलाओं को ही मासिक सहायता राशि मिलेगी।”
संजय राउत ने मांगा इस्तीफा
अजित पवार के इस गलती की बात स्वीकार करने के बाद शिवसेना (उबाठा) सांसद संजय राउत ने उनके इस्तीफे की मांग की है। राउत ने आरोप लगाया कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता पवार के नेतृत्व वाले वित्त विभाग ने “वोटों की खातिर सरकारी धन की लूट” को बढ़ावा दिया।
मुख्यमंत्री माजी लाडकी बहिन योजना 17 अगस्त 2024 को शुरू की गई थी, जिसका लक्ष्य 21 से 65 साल की आयु की उन महिलाओं को सहायता प्रदान करना है, जिनकी अधिकतम वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से कम है। आवेदकों को सितंबर महीने से लाभ मिलना शुरू हो गया था।
गेमचेंजर साबित हुई थी योजना
इस योजना के तहत पात्र महिलाओं को 1,500 रुपये की मासिक सहायता राशि दी जाती है। माना जाता है कि इस योजना ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन की जीत में अहम भूमिका निभाई। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने हाल ही में 2,289 सरकारी कर्मचारियों की पहचान की, जिन्होंने गरीब महिलाओं के लिए बनाई गई इस योजना का लाभ उठाया था।