एनसीपी में फिर से एकता! शरद पवार के पोते रोहित ने बढ़ा दिया सस्पेंस, कब होगा फैसला
सुप्रिया सुले ऑपरेशन सिंदूर के बारे में दुनिया के कई देशों को जानकारी देने वाले डेलिगेशन के साथ गई हैं। सुप्रिया सुले 5 जून को वापस लौटेंगी और हम सभी उनके इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अजित पवार गुट के साथ विलय को लेकर हमारे विधायकों या कार्यकर्ताओं के बीच कोई बात नहीं हुई।

क्या महाराष्ट्र के पवार परिवार में जारी पावर स्ट्रगल खत्म होगा और दोनों गुट एक हो जाएंगे? यह सवाल महाराष्ट्र की राजनीति में लंबे समय से पूछा जा रहा है। अब अजित पवार और शरद पवार गुट की एकता के कयास फिर से तेज हो गए हैं। इसकी वजह शरद पवार के पोते और उनके करीबी रहे जाने वाले रोहित पवार का एक बयान है। उनसे मीडिया ने पूछा कि अजित पवार की एनसीपी और शरद पवार की एनसीपी-एसपी के बीच विलय की क्या संभावना है। इस पर रोहित पवार ने इनकार नहीं किया बल्कि यह कहा कि सुप्रिया सुले ही इस बारे में आखिरी फैसला लेंगी।
उनकी तरफ से विलय को लेकर साफ इनकार न करना और पूरी बात तो सुप्रिया सुले पर छोड़ना मायने रखता है। अब तक रोहित पवार या फिर परिवार का कोई भी सदस्य एकता की बातों को सिरे से खारिज करता आ रहा था। अब यदि उन्होंने एकता की बात पर खुलकर जवाब नहीं दिया है तो इसके मायने निकाले जा रहे हैं। माना जा रहा है कि अंदरखाने कुछ चल रहा है। ऐसे में रोहित पवार ने कुछ भी साफ जवाब नहीं दिया। एक कार्यक्रम में बोलते हुए रोहित पवार ने कहा कि साहब ने सुप्रिया सुले को यह जिम्मेदारी दी है। वही इस पर विदेश दौरे से लौटकर बात करेंगी।
फिलहाल सुप्रिया सुले ऑपरेशन सिंदूर के बारे में दुनिया के कई देशों को जानकारी देने वाले डेलिगेशन के साथ गई हैं। सुप्रिया सुले 5 जून को वापस लौटेंगी और हम सभी उनके इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अजित पवार गुट के साथ विलय को लेकर हमारे विधायकों या कार्यकर्ताओं के बीच कोई बात नहीं हुई। सुप्रिया सुले ही लौटने के बाद कोई फैसला लेंगी। दरअसल माना जा रहा है कि शरद पवार भाजपा और एनसीपी की अजित पवार के साथ गठबंधन पर विचार कर रहे हैं। लेकिन अब भी संदेह कायम है। इसकी वजह है कि शरद पवार का राजनीतिक रूप से चौंकाने का इतिहास रहा है। रोहित पवार ने कहा कि शरद पवार जब कुछ कहते हैं तो उसके गहरे मायने होते हैं।
कई बार वह जो कहते हैं, उससे उलट कुछ चल रहा होता है। उन्होंने कहा कि शरद पवार महाराष्ट्र की जनता के हित में जल्दी ही कोई फैसला लेंगे। बता दें कि अजित पवार गुट ने जब अलग होकर भाजपा के साथ गठबंधन किया तो शरद पवार गुट का यही कहना था कि ऐसा करना गलत है। इसलिए क्योंकि भाजपा के साथ उसके वैचारिक मतभेद हैं। अब यदि शरद पवार की पार्टी ने अजित का साथ पकड़ा और भाजपा संग गठबंधन हुआ तो यह चौंकाने वाली बात होगी।