arvind kejriwal yamuna poison claim what is truth यमुना में जहर मिला दिया, दिल्ली में मर जाते लोग; इन दावों का सच क्या है?, Ncr Hindi News - Hindustan
Hindi Newsएनसीआर न्यूज़arvind kejriwal yamuna poison claim what is truth

यमुना में जहर मिला दिया, दिल्ली में मर जाते लोग; इन दावों का सच क्या है?

अरविंद केजरीवाल ने यहां तक कहा कि यदि दिल्ली जल बोर्ड के इंजीनियर्स ने इसे नहीं पकड़ा होता तो दिल्ली में बड़ी संख्या में लोग मर जाते। आइए जानते हैं आखिर इस दावे का सच क्या है?

Sudhir Jha लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 28 Jan 2025 11:46 AM
share Share
Follow Us on
यमुना में जहर मिला दिया, दिल्ली में मर जाते लोग; इन दावों का सच क्या है?

दिल्ली विधानसभा चुनाव में एक बार फिर यमुना का पानी बड़ा मुद्दा बन गया है। दिल्ली में सोमवार को उस वक्त खलबली मच गई जब आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मीडिया के सामने आकर दावा किया कि यमुना में जहर मिला दिया गया है। पूर्व मुख्यमंत्री ने रात को बिजवासन में हुई चुनावी जनसभा में भी इस दावे को दोहराया। उन्होंने आरोप लगाया कि हरियाणा में भाजपा ने 'यमुना में जहर मिला दिया।' उन्होंने यहां तक कहा कि यदि दिल्ली जल बोर्ड के इंजीनियर्स ने इसे नहीं पकड़ा होता तो दिल्ली में बड़ी संख्या में लोग मर जाते। आइए जानते हैं आखिर इस दावे का सच क्या है?

अरविंद केजरीवाल ने क्या कहा?

अरविंद केजरीवाल ने मीडिया के सामने जहर वाला दावा करते हुए कहा, 'भाजपा ने ऐसी हरकत की है जो दुनिया के इतिहास में कभी नहीं हुई। दिल्ली के लोगों को पीने का पानी और हरियाणा और दिल्ली से मिलता है। हरियाणा से पानी यमुना से आता है। हरियाणा का भाजपा सरकार ने यमुना से आने वाले पानी में जहर मिलाकर भेज दिया। भला हो दिल्ली जल बोर्ड के इंजीनियर्स का कि उन्होंने इसे पकड़ लिया। उन्होंने इस पानी को बॉर्डर पर ही रोक दिया। यदि यह पानी दिल्ली में आ जाता और पीने के पानी में मिल जाता तो ना जाने कितने लोगों की दिल्ली में मौत हो जाती, नरसंहार हो जाता। इसमें उन्होंने ऐसा जहर मिलाकर भेजा है कि दिल्ली के वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट में सफाई नहीं हो सकती है। इस वजह से एक तिहाई दिल्ली में पीने के पानी की कमी हो गई है।'

दिल्ली जल बोर्ड ने कहा- जहर की बात झूठी

अरविंद केजरीवाल के दावे का दिल्ली जल बोर्ड ने खंडन किया है। दिल्ली जल बोर्ड की सीईओ ने दिल्ली के मुख्य सचिव को लेटर लिखकर केजरीवाल के बयान को 'झूठा' करार दिया और कहा कि इससे लोगों में डर पैदा हो सकता है। उन्होंने इसे दिल्ली के एलजी के संज्ञान में लाने की बात भी कही। दिल्ली जल बोर्ड ही यमुना के पानी की जांच, सफाई के बाद आपूर्ति का काम करता है।

जहर नहीं तो यमुना के पानी में क्या दिक्कत है?

दरअसल, अरविंद केजरीवाल ने जिसे 'जहर' बताया वह अमोनिया है। केजरीवाल के मीडिया के सामने आने से पहले दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। उन्होंने यमुना में अधिक अमोनिया वाला पानी भेजने की बात कही थी। उन्होंने कहा, 'दिल्लीवालों का पानी बाधित करने के लिए बीजेपी की हरियाणा सरकार सभी फैक्टरियों का प्रदूषण यमुना में छोड़ रही है। बीजेपी की हरियाणा सरकार 10 दिन से DD8 ड्रेन से प्याऊ मनिहारी लोकेशन पर अमोनिया वाला प्रदूषित पानी यमुना नदी में छोड़ रही है।' माना जा रहा है कि इसी अमोनिया वाले पानी के लिए केजरीवाल ने 'जहर' शब्द का इस्तेमाल किया।

क्या इससे मर सकते थे लोग?

घबराइए नहीं, यमुना में अमोनिया की मात्रा बढ़ने से पानी की आपूर्ति जरूर बाधित होती है, लेकिन इससे किसी के जान जाने का खतरा नहीं है। दिल्ली जल बोर्ड ने बताया कि यमुना में हर साल सर्दियों में अक्टूबर से फरवरी के बीच अमोनिया की मात्रा बढ़ जाती है। ऐसा फैक्ट्रियों के प्रदूषित पानी और सीवर को बिना ट्रीट किए यमुना में गिराए जाने से होता है। सर्दियों में नदी की धारा में प्रवाह कम होने की वजह से प्रदूषक कारकों की मात्रा बढ़ जाती है। दिल्ली के वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट 1 पीपीएम अमोनिया तक को साफ करने के लिए बनाए गए हैं। दूसरे सोर्स से मिले पानी में मिलाकर 2 से 2.5 पीपीएम तक के पानी को भी ट्रीट कर लिया जाता है। लेकिन इससे अधिक अमोनिया बढ़ने पर वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट में उत्पादन क्षमता कम हो जाती है।

8 पीपीएम तक जा चुका है यमुना में अमोनिया का स्तर

ऐसा नहीं है कि दिल्ली में पहली बार अमोनिया की मात्रा इतनी बढ़ी है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक इससे पहले अप्रैल 2023 में यमुना में अमोनिया का स्तर 8 पीपीएम तक पहुंच गया था। इसके अलावा कई मौकों पर 5 से 8 पीपीएम के बीच अमोनिया पाया गया है।