जू में भी विदेशी जानवरों के लिए AC रखते हैं और आपने...; तिहाड़ जेल प्रशासन पर क्यों भड़का कोर्ट?
अदालत ने जेम्स को टेबल फैन मुहैया कराने का निर्देश भी दिया। कोर्ट ने कहा, 'वह अब भी एक विचाराधीन कैदी है। अधीक्षक को उसे पंखा मुहैया कराना चाहिए। वह विदेश से है और दिल्ली में तापमान 42 डिग्री सेल्सियस है।'

दिल्ली की एक अदालत ने एक विदेशी बिचौलिए को खतरनाक आरोपी के साथ रखने को लेकर तिहाड़ जेल के अधिकारियों की खिंचाई की। साथ ही आदेश के बावजूद इस विदेशी विचाराधीन कैदी को पंखा उपलब्ध ना कराने को लेकर भी कोर्ट, जेल प्रशासन पर भड़क गया और पूछा कि क्यों ना संबंधित अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए। अपनी नाराजगी दिखाते हुए अदालत ने यहां तक कहा कि प्राणी उद्यानों (जू) में विदेशी जानवरों को एयर कंडीशनर तक उपलब्ध कराए जाते हैं, और आप एक विदेशी इंसान को पंखा भी नहीं दे पा रहे हैं।
दरअसल मामला अगस्तावेस्टलैंड मामले में कथित बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल जेम्स से जुड़ा है, जो कि ब्रिटिश नागरिक है और तिहाड़ जेल में बंद है। पहले तो अदालत ने मिशेल को जेल एक ऐसे कैदी के साथ रखने पर गुस्सा जाहिर किया, जो कि खतरनाक अपराधी है, और जिसे 41 बार जेल के नियम तोड़ने के लिए सजा हो चुकी है।
सुनवाई के दौरान अदालत ने इस बात का संज्ञान भी लिया कि उसके आदेश के बावजूद अधिकारियों ने इसकी अनुमति नहीं दी थी। विशेष न्यायाधीश संजीव अग्रवाल ने नाराजगी जताते हुए पूछा कि 'आदेश के बावजूद जेम्स को टेबल फैन क्यों उपलब्ध नहीं कराया गया, और क्यों ना इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए।' साथ ही उन्होंने कहा कि प्राणी उद्यानों में भी विदेशी जानवरों को गर्मी से बचाने के लिए एयर कंडीशनर लगाए जाते हैं।
इसके साथ ही अदालत ने जेल अधीक्षक को जेम्स को टेबल फैन मुहैया कराने का निर्देश भी दिया। कोर्ट ने कहा, 'अदालत ने पहले ही इसकी अनुमति दे दी है। वह अब भी एक विचाराधीन कैदी है। अधीक्षक को उसे पंखा मुहैया कराना चाहिए। वह विदेश से है और दिल्ली में तापमान 42 डिग्री सेल्सियस है।'
सुप्रीम कोर्ट ने 18 फरवरी को निचली अदालत की शर्तों के अधीन सीबीआई मामले में जेम्स को जमानत दे दी थी और दिल्ली हाई कोर्ट ने 4 मार्च को उसे ईडी मामले में राहत दी थी और कहा था कि उन पर आवश्यक जमानत शर्तें लगाई जाएं। हालांकि, ब्रिटिश नागरिक जेम्स ने 7 मार्च को सुरक्षा जोखिमों के कारण जमानत पर बाहर निकलने के बजाय अपनी सजा पूरी करने और भारत छोड़ने की पेशकश की थी।
बुधवार को जज अग्रवाल ने अगली सुनवाई यानी 29 अप्रैल तक जेल अधिकारियों से इस मामले पर स्थिति रिपोर्ट मांगी।
अदालत ने कहा, 'जेल अधीक्षक को व्यक्तिगत रूप से पेश होकर यह बताने का निर्देश दिया जाता है कि ऐसे खतरनाक आरोपी व्यक्ति (शाहनवाज) को क्रिश्चियन मिशेल जेम्स के साथ कैसे रखा गया।' अदालत ने कहा कि शाहनवाज के खिलाफ जेल में उसके आचरण के लिए 41 शिकायतें हैं। जेम्स के वकील ने अदालत को बताया कि अधिकारियों ने शाहनवाज के खिलाफ जेल के अंदर दुर्व्यवहार के लिए 2020 से अब तक 41 सजाएं रिपोर्ट की हैं।
वकील ने कहा कि शाहनवाज को जानबूझकर उस आइसोलेशन वार्ड में रखा गया था, जिसे केवल जेम्स ही साझा करता था, ताकि उसे (जेम्स को) खत्म किया जा सके। इससे पहले 3 अप्रैल को, जेम्स ने अदालत में दावा किया कि जेल के अंदर उसे जहर देने की कोशिश की गई थी।
ब्रिटिश नागरिक जेम्स को 4 दिसंबर, 2018 को दुबई से प्रत्यर्पित किया गया था, जहां उसने चार महीने हिरासत में बिताए थे। जांच एजेंसियों ने इतालवी विनिर्माण कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड से 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की खरीद में अनियमितताओं की सूचना दी थी।
सीबीआई ने अपने आरोपपत्र में दावा किया है कि 8 फरवरी, 2010 को 5562.62 लाख यूरो मूल्य के वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति के लिए किए गए सौदे के कारण सरकारी खजाने को 3982.1 लाख यूरो (लगभग 2,666 करोड़ रुपए) का अनुमानित नुकसान हुआ है।
जून 2016 में जेम्स के खिलाफ दायर ईडी के आरोपपत्र में आरोप लगाया गया था कि उन्हें अगस्ता वेस्टलैंड से तीन करोड़ यूरो (लगभग 225 करोड़ रुपए) मिले थे। (भाषा इनपुट के साथ)