पाकिस्तान में दुल्हन, बारात लेकर अटारी बॉर्डर पहुंचा दूल्हा; बीएसएफ ने वापस भेजा
भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के मद्देनजर अटारी चेक पोस्ट को बंद करने का फैसला लिया था। भारत के इस फैसले के बाद पाकिस्तान ने भी वाघा बॉर्डर को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है।
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच शुक्रवार को अटारी बॉर्डर पर एक अलग नजारा देखने को मिला। पाकिस्तान में अपनी दुल्हन को लेने जा रहे एक दूल्हे को बिना दुल्हनिया के ही अटारी बॉर्डर से लौटना पड़ गया। सेहरा बांधे और शेरवानी पहने राजस्थान के बाड़मेर जिले के संजय सिंह बारात लेकर अटारी बॉर्डर पर पहुंचे थे। 30 अप्रैल को संजय सिंह पाकिस्तान के सिंध प्रांत के अमरकोट की रहने वाली केसर कंवर से शादी के बंधन में बंधने वाले थे। हालांकि बीएसएफ अधिकारियों ने उन्हें बॉर्डर पर ही रोक दिया। अधिकारियों के मुताबिक दूल्हे और बरातियों के पास पाकिस्तान की नागरिकता नहीं थी जिसके बाद यह फैसला लिया गया।
30 अप्रैल को होनी थी शादी
जानकारी के मुताबिक संजय सिंह और केसर कंवर की चार साल पहले सगाई हुई थी। केसर कंवर का वीजा न बढ़ने की वजह से उन्हें वापस पाकिस्तान जाना पड़ा था। इसके बाद बड़ी मुश्किलों के बाद संजय सिंह और उसके परिवार के कुछ लोगों को वीजा मिला, जो 12 मई तक वैध था। इसके बाद दोनों ने 30 अप्रैल को शादी करने का फैसला लिया था। संजय सिंह शादी करने के लिए परिवार और कुछ अन्य रिश्तेदारों के साथ शुक्रवार को पाकिस्तान जाने के लिए अटारी बॉर्डर पर पहुंचे, लेकिन उन्हें इसकी इजाजत नहीं मिली।
सरकार से अपील
बॉर्डर पार करने की इजाजत ना मिलने के बाद संजय सिंह ने कहा है कि उन्हें बहुत मुश्किल से पाकिस्तान का वीजा मिला था। पाकिस्तान में उनकी पत्नी केसर के घर पर भी शादी की सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और वहां लोग उनका इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने भारत सरकार से उन्हें पाकिस्तान जाने की इजाजत देने की अपील की है।
191 पाकिस्तानी नागरिकों को सीमा पार भेजा
बता दें कि भारत सरकार ने पहलगाम हमले के बाद सख्त कार्रवाई करते हुए पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में भारत छोड़ने का अल्टीमेटम दिया है। इसके तहत शुक्रवार को अमृतसर के अटारी बॉर्डर से 191 पाकिस्तानी नागरिकों को सीमा पार भेजा गया है। वहीं 287 भारतीय अटारी के रास्ते पाकिस्तान से भारत लौटे।
रिपोर्ट: मोनी देवी