गाजियाबाद में नई संपत्ति पर लगेगा डेढ़ गुना हाउस टैक्स, नगर निगम की बैठक में प्रस्ताव पास
गाजियाबाद नगर निगम नई संपत्ति पर गृहकर बढ़ाकर वसूली करेगा। शहर में 4.80 लाख पुराने करदाता हैं। करीब दो लाख नई ऐसी संपत्तियों की पहचान हुई है, जिन पर कर लगाया जाना है। महापौर सुनीता दयाल की अध्यक्षता में कई महीने बाद बोर्ड बैठक हुई।

गाजियाबाद नगर निगम नई संपत्ति पर गृहकर बढ़ाकर वसूली करेगा। शहर में 4.80 लाख पुराने करदाता हैं। करीब दो लाख नई ऐसी संपत्तियों की पहचान हुई है, जिन पर कर लगाया जाना है। इन पर सड़क की चौड़ाई के हिसाब से डेढ़ गुना तक टैक्स वसूला जाएगा। निगम के अनुसार, नई संपत्ति पर लगने वाला हाउस टैक्स पुराने संपत्ति पर लग रहे कर से डेढ़ गुना अधिक होगा।
नगर आयुक्त ने शुक्रवार को बोर्ड बैठक में सदन को अवगत कराया कि डीएम सर्किल रेट से टैक्स नहीं बढ़ाया जा रहा। शासन के आदेश पर सड़क की चौड़ाई के हिसाब से नई संपत्ति पर बढ़ा टैक्स लगाया जाएगा। पुरानी संपत्ति पर टैक्स नहीं बढ़ रहा। टैक्स बढ़ने पर ही बड़ी परियोजनाओं के लिए शासन से बजट जारी होगा।
महापौर सुनीता दयाल की अध्यक्षता में कई महीने बाद बोर्ड बैठक हुई। प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान भाजपा पार्षद गौरव सोलंकी ने सवाल किया कि शहर में डीएम सर्किल रेट की दर से हाउस टैक्स वसूला जा रहा, जबकि पूर्व में यह प्रस्ताव बैठक में गिर चुका है। इस पर नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने अवगत कराया कि सदन के निर्णय की जानकारी शासन को दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि डीएम सर्किल रेट से हाउस टैक्स नहीं बढ़ाया जा रहा। इस पर कुछ लोग भ्रांति फैला रहे हैं। उन्होंने बताया कि सड़क की चौड़ाई के हिसाब से नई संपत्ति पर टैक्स बढ़ाकर लिया जा रहा। इससे कुछ जगह हाउस टैक्स बढ़ रहा तो कहीं पर कम हो रहा है।
शासन के आदेश पर नई संपत्ति पर टैक्स बढ़ाकर वसूला जाएगा। इसके बाद चार साल तक टैक्स नहीं बढ़ेगा। भाजपा पार्षद राजीव शर्मा, प्रवीण चौधरी और हिमांशु चौधरी ने शासन के निर्णय का समर्थन किया। साथ ही, नगर आयुक्त की बात को सही माना। वहीं, महापौर ने सदन में कहा कि डीएम सर्किल रेट से हाउस टैक्स नहीं लगना चाहिए। मुख्य कर निर्धारण अधिकारी डॉ. संजीव सिन्हा ने अवगत कराया कि नई संपत्ति पर डेढ़ गुना टैक्स ही बढ़ रहा।
गाजियाबाद निगम सबसे कम टैक्स वसूल रहा
नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने बताया कि गाजियाबाद में टैक्स की अधिकतम दर 1.32 रुपये है। मेरठ निगम में अधिकतम दर 5.58 रुपये है। पिलखुवा नगर पालिका में 3.72 रुपये है। मुरादाबाद निगम में 3.71 रुपये और बरेली निगम में 3.30 रुपये है। कानपुर निगम में 2.85 रुपये, प्रयागराज नगर निगम में 2.75 और लखनऊ निगम में 2.60 रुपये है। सहारनपुर और गोरखपुर में दो रुपये, अलीगढ़ निगम में 1.90 रुपये है।
ये प्रस्ताव भी पास हुए
● इंदिरापुरम में सफाई कर्मचारियों की तैनाती
● यूपीसीडा के औद्योगिक क्षेत्रों में सफाई और कूड़ा निस्तारण
● निगम पुराने वाहनों को हटाकर नए ई-वाहन खरीदेगा
● सफाई कर्मचारियों के समान कंप्यूटर आपरेटर का वेतन
● सामुदायिक भवनों को पीपीपी मॉडल पर विकसित करने
● निजी संपत्ति पर होर्डिंग, यूनिपोल से प्रचार करने वालों के खिलाफ नीति