दिव्यांगों के लिए जोनल कार्यालयों में बुनियादी सुविधा नहीं
ट्रांस हिंडन नगर निगम के कार्यालयों में दिव्यांगों के लिए बुनियादी सुविधाओं की कमी है। पहली मंजिल पर अधिकांश कार्यालयों तक पहुँचने के लिए कोई सुविधा नहीं है, जिससे दिव्यांगों को निराश होकर लौटना पड़ता...

ट्रांस हिंडन। ट्रांस हिंडन क्षेत्र स्थित नगर निगम के दोनों जोनल कार्यालयों में दिव्यांगों के लिए बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। कार्यालयों में प्रवेश के लिए रैंप तो बने हैं, लेकिन दिव्यांगों को व्हील चेयर नहीं मिलती। सबसे बड़ी समस्या है कि अधिकांश कार्यालय परिसर के पहले तल पर हैं, जहां पहुंचने के लिए कोई सुविधा नहीं है। अधिकांश दिव्यांगों को यहां से बिना काम कराए लौटना पड़ता है। वसुंधरा में वसुंधरा जोनल कार्यालय और मोहननगर तिराहा के पास मोहननगर जोनल कार्यालय है। यहां रोजाना सैकड़ों लोग संपत्ति कर के अलावा जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, ट्रेड लाइसेंस व तमाम समस्याओं की शिकायत के लिए आते हैं।
दोनों जोनल कार्यालयों में अधिकांश विभाग पहले तल पर हैं, जिन तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। इस कारण दिव्यांग लोग वहां तक नहीं पहुंच पाते। दिव्यांग व्यक्ति या तो प्रवेश द्वार से ही लौट जाते हैं या दूसरों की मदद पर निर्भर रहते हैं। अधिकारी दावा करते हैं कि दिव्यांग के आने पर पूरी सहायता की जाती है। अधिकारियों को भूतल पर बुलाया जाता है। हालांकि दिव्यांगों का कहना है कि जोनल कार्यालयों में आने पर असहाय महसूस होता है। इसीलिए वे यहां पर नहीं जाते। वहीं जो लोग जाते हैं, उन्हें अक्सर निराश होकर लौटना पड़ता है। मोहननगर में शौचालय पर भी रैंप नहीं बना है। सालों से झेल रहे परेशानी यह कोई नई समस्या नहीं है। सालों से बने इन कार्यालयों में आने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोग कई बार शिकायत भी कर चुके हैं, लेकिन नतीजा हमेशा केवल आश्वासन तक ही सीमित रहा है। दिव्यांगों के अधिकारों और उनकी सुविधा के लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन जमीनी हकीकत इससे कोसों दूर है। दिव्यांगजन अधिनियम 2016 के तहत हर सरकारी भवन में रैंप, लिफ्ट और दिव्यांगों के लिए अनुकूल शौचालय जैसी सुविधाएं आवश्यक हैं, लेकिन नगर निगम के कार्यालयों में लोगों को परेशानी होती है। आम लोगों को भी हो रही परेशानी मोहन नगर स्थित जोनल कार्यालय के मुख्य द्वार पर ही नाले का गंदा पानी महीनों से भरा हुआ है। इस कारण वहां आने वाले सैकड़ों लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सामान्य लोगों को भी पानी के बीच से होकर गुजरना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में दिव्यांग और भी ज्यादा परेशान होते हैं। लगातार पानी भरा होने के कारण यहां कीचड़ और बदबू की समस्या बढ़ गई है। अधिकारी व कर्मचारी भी किसी तरह यहां से गुजरते हैं, लेकिन दिव्यांगों के साथ सबसे ज्यादा समस्या महिला व बच्चों को होती है। कई लोगों ने ऑनलाइन शिकायत भी दर्ज की है, लेकिन अब तक पानी भरा हुआ है। - मोहन नगर के निगम कार्यालय में शहीद नगर से आए दिव्यांग अंकित कुमार ने बताया कि मैं अपनी पत्नी का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आया हूं लेकिन कार्यालय में प्रमाण पत्र बनाने वाले अधिकारी का कार्यालय पहले तल पर है, जहां तक जाने के लिए सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं और मैं उसमें सक्षम नहीं हूं। - वसुंधरा स्थित निगम के कार्यालय में आए दिव्यांग अरुण कुमार ने बताया कि मैं कड़कड़ मॉडल गांव में रहता हूं। इलाके में जगह-जगह स्ट्रीट लाइट खराब पड़ी है, जिसे ठीक करवाने की मांग को लेकर मैं जोनल कार्यालय आया हूं। इसके लिए मुझे पहले तल पर जाना पड़ेगा। लिफ्ट न होने के कारण मैं पहले तल तक पहुंचने में असमर्थ हूं। किसी भी दिव्यांग व्यक्ति के आने पर अधिकारियों को नीचे बुला लिया जाता है। दिव्यांगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो इसका प्रयास किया जा रहा है। सड़क के निर्माण के चलते पानी की निकासी बाधित हुई है। जल्द ही मुख्य द्वार पर सफाई कराई जाएगी। - आरपी सिंह, प्रभारी, मोहन नगर जोन, नगर निगम।
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