IICA Establishes Northeast s First Regional Campus in Shillong to Boost Education and Governance आईआईसीए ने शिलांग टाउनशिप में पांच एकड़ भूमि अधिग्रहित की, Gurgaon Hindi News - Hindustan
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आईआईसीए ने शिलांग टाउनशिप में पांच एकड़ भूमि अधिग्रहित की

कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय के अधीन आईआईसीए ने मेघालय के न्यू शिलांग में 5 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया। यह परिसर उद्यमिता, क्षमता निर्माण और सुशासन को बढ़ावा देगा, जिससे 300 पेशेवरों को लाभ मिलेगा। 100.95...

Newswrap हिन्दुस्तान, गुड़गांवTue, 3 June 2025 10:18 PM
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आईआईसीए ने शिलांग टाउनशिप में पांच एकड़ भूमि अधिग्रहित की

-शैक्षणिक और परामर्श कार्यक्रम वर्तमान वित्त वर्ष में प्रारंभ किए जाएंगे -पूर्वोत्तर क्षेत्र में 300 से अधिक पेशेवरों को लाभ पहुंचाने वाले प्रशिक्षण -उद्यमिता, क्षमता निर्माण और सुशासन को बढ़ावा देने में सहायक होगा गुरुग्राम, कार्यालय संवाददाता। कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय के अधीन मानेसर भारतीय कॉरपोरेट कार्य संस्थान (आईआईसीए) ने मेघालय के न्यू शिलांग टाउनशिप में पांच एकड़ भूमि औपचारिक रूप से अधिग्रहित की है। संस्थान का पूर्वोत्तर भारत में पहला क्षेत्रीय परिसर होगा, जो आईआईसीए की कॉरपोरेट गवर्नेंस और सतत विकास के लिए किया जाएगा। भूमि हस्तांतरण समारोह की अध्यक्षता मेघालय सरकार के मुख्य सचिव डोनाल्ड फिलिप्स वहलांग और कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय की सचिव दीप्ति गौड़ मुखर्जी ने की।

आईआईसीए महानिदेशक और सीईओ ज्ञानेश्वर कुमार सिंह, कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव इंदरदीप सिंह धारीवाल, योजना विभाग के आयुक्त व सचिव सीवीडी दियांगदोह, आईआईसीए के कर्नल अमनदीप सिंह पुरी समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। भूमि का हस्तांतरण मेघालय सरकार के योजना विभाग के संयुक्त सचिव के. हिनन्यूटा और भारत सरकार के उप सचिव शेखर श्रीवास्तव की ओर किया गया। एनआईएफटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान पहले से है: मुख्य सचिव डोनाल्ड फिलिप्स वहलांग ने आईआईसीए की इस दूरदर्शी पहल की सराहना कर मेघालय की ज्ञान-आधारित विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा कि यह परिसर नॉलेज सिटी क्लस्टर में स्थित है, जहां पहले से ही आईआईएम शिलांग, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी मेघालय और एनआईएफटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान मौजूद हैं। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि शिलांग में एक नया हवाई अड्डा विकसित किया जा रहा है।, जिससे क्षेत्रीय संपर्क में वृद्धि होगी। यह परिसर देशभर से पेशेवरों, फैकल्टी और छात्रों के लिए आसानी से सुलभ होगा। यह अवसंरचनात्मक विकास शिलांग को पूर्वोत्तर के प्रमुख शैक्षणिक और नीति केंद्र के रूप में सुदृढ़ करेगा। दिल्ली से बाहर का यह पहला केंद्र है: आईआईसीए के महानिदेशक व सीईओ ज्ञानेश्वर कुमार सिंह ने कहा कि दिल्ली से बाहर यह हमारा पहला केंद्र है। विकेंद्रीकरण और सशक्तिकरण का प्रतीक। यह परिसर उद्यमिता, क्षमता निर्माण और सुशासन को बढ़ावा देने में सहायक होगा। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, आत्मनिर्भर भारत तथा विकसित भारत 2047 जैसे राष्ट्रीय लक्ष्यों के अनुरूप कार्य करेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राइजिंग नॉर्थ ईस्ट कार्यक्रमों में दिए गए दृष्टिकोण का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर को हमेशा भारत की अष्टलक्ष्मी के रूप में देखा है। जो विविधता, प्रतिभा और संभावनाओं से परिपूर्ण क्षेत्र है। आईआईसीए को गर्व है कि वह इस क्षेत्र को भारत के दूरस्थ किनारे से एक गतिशील विकास इंजन में बदलने की प्रक्रिया का हिस्सा बना है। 100.95 करोड़ से शिलांग परिसर विकसित होगा: महानिदेशक ने कहा कि प्रधानमंत्री के उत्तर-पूर्व भारत के विकास के लिए शुरू की गई पीएम-डेविन योजना के तहत 100.95 करोड़ के निवेश से शिलांग परिसर विकसित किया जाएगा। जो कॉरपोरेट गवर्नेंस, ईएसजी, सीएसआर, दिवालियापन और शोधन प्रक्रिया, प्रतिस्पर्धा कानून और बोर्ड नेतृत्व जैसे प्रमुख क्षेत्रों में प्रशिक्षण, शोध और नीति सलाहकार केंद्र के रूप में कार्य करेगा। कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय की सचिव दीप्ति गौड़ मुखर्जी ने कहा कि यह साझेदारी सहकारी संघवाद की भावना और उत्तर-पूर्व को नए भारत का विकास इंजन बनाने की केंद्र सरकार की दृष्टि को दर्शाती है। शिलांग स्थित आईआईसीए भवन के डिज़ाइन में स्थानीय स्थापत्य शैलियों को शामिल किया जाना चाहिए। 300 पेशेवरों को लाभ पहुंचाने वाले प्रशिक्षण होंगे: सचिव दीप्ति ने कहा कि शैक्षणिक और परामर्श कार्यक्रम वर्तमान वित्त वर्ष में प्रारंभ किए जाएंगे। निर्माण कार्य तुरंत शुरू होगा। आईआईसीए ने पहले भी पूर्वोत्तर क्षेत्र में 300 से अधिक पेशेवरों को लाभ पहुंचाने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन किया है। स्वतंत्र निदेशक डेटाबैंक का संचालन करता है, जिसमें सभी पूर्वोत्तर राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हैं। आगे चलकर आईआईसीए राज्य विश्वविद्यालयों और नॉलेज सिटी में संस्थानों के साथ सहयोगी कार्यक्रम शुरू करेगा। जो इस क्षेत्र की सामाजिक-आर्थिक आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए प्रशिक्षण, नीति सहायता और क्षमता निर्माण पहलों पर केंद्रित होंगे।आईआईसीए नैतिक उद्यमियों, कुशल पेशेवरों और जिम्मेदार नेताओं को तैयार करने में पूर्वोत्तर भारत के केंद्र से एक दीर्घकालिक भागीदार के रूप में कार्य करेगा।

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