गुरुग्राम मेयर को नोटिस जारी
गुरुग्राम में नगर निगम मेयर चुनाव में अनियमितताओं का मामला कोर्ट पहुंच गया है। कोर्ट ने उपायुक्त, अतिरिक्त उपायुक्त, और मेयर को एक मई को सभी जरूरी दस्तावेजों के साथ पेश होने का नोटिस दिया है।...

गुरुग्राम, प्रमुख संवाददाता। नगर निगम मेयर चुनाव में अनियमितताओं का मामला अब गुरुग्राम कोर्ट पहुंच गया है। कोर्ट ने उपायुक्त, अतिरिक्त उपायुक्त, नगर निगम गुरुग्राम मेयर और कांग्रेस प्रत्याशी को जाति प्रमाण पत्र से जुड़े सभी जरूरी दस्तावेजों के साथ एक मई को कोर्ट में पेश होने का नोटिस जारी किया है। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने जाति प्रमाण पत्र जारी करने में अनियमितताओं को लेकर पहले भी नोटिस जारी किया था। यह नोटिस महाराजा दक्ष प्रजापति सोसायटी के यशपाल प्रजापति की ओर से गुरुग्राम कोर्ट में दायर याचिका पर जारी किया गया है। याचिकाकर्ता ने एमसीजी मेयर चुनाव को रद्द करने और मेयर को अपने अधिकारों का इस्तेमाल करने से तुरंत रोकने की मांग की है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि एमसीजी मेयर राजरानी मल्होत्रा और कांग्रेस प्रत्याशी सीम पाहुजा व्यापारी हैं, जिन्होंने अपना आभूषण कारोबार चलाने के लिए सुनार प्रमाण पत्र लिया था।
प्रजापति ने कहा जाति का निर्धारण जन्म के आधार पर होता है, न कि पेशे के आधार पर। उन्होंने कहा कि चमड़े का कारोबार करने वालों को अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र नहीं दिया जा सकता। आरोप है कि राजरानी मल्होत्रा को जारी किया गया पिछड़ा वर्ग श्रेणी-ए (बीसी-ए) प्रमाण पत्र 16 फरवरी को गुरुग्राम के अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) द्वारा दिया गया था, जबकि उन्होंने धोखाधड़ी और झूठा दावा करने का आरोप लगाया है।
वह सुनार जाति से हैं। प्रजापति ने कहा कि यह मामला गंभीर प्रकृति का है, क्योंकि हरियाणा के बीसी-ए श्रेणी के लोगों के अधिकारों को वे लोग छीन रहे हैं, जो इसके हकदार नहीं हैं। याचिका में मल्होत्रा और कांग्रेस उम्मीदवार सीमा पाहुजा को जारी किए गए बीसी-ए प्रमाण पत्र को रद्द करने के निर्देश देने की मांग की गई है। पाहुजा ने मल्होत्रा के खिलाफ मेयर पद का चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। याचिका में आरोप लगाया गया है कि उन्हें कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना और सक्षम प्राधिकारी द्वारा जाति की पहचान किए बिना सरकारी मशीनरी के साथ मिलीभगत करके झूठे और अवैध बीसी प्रमाण पत्र जारी किए गए।
दलील सुनने के बाद गुरुग्राम की अदालत ने गुरुग्राम के उपायुक्त और अतिरिक्त उपायुक्त, एमसीजी मेयर राजरानी मल्होत्रा और कांग्रेस उम्मीदवार सीमा पाहुजा को नोटिस जारी किया। मल्होत्रा और पाहुजा दोनों ने कथित तौर पर फर्जी,अवैध शून्य और अमान्य बीसी-ए प्रमाण पत्रों के आधार पर बीसी-ए श्रेणी के तहत एमसीजी के मेयर पद के लिए चुनाव लड़ने के लिए अपना नामांकन दाखिल किया। प्रजापति ने कहा कि दोनों उम्मीदवार सामान्य जाति से हैं, न कि हरियाणा सरकार द्वारा अधिसूचित सुनार या बीसी-ए जाति से। प्रजापति ने कहा,प्रमाण पत्र सरकारी एजेंसियों द्वारा जारी किया गया था और उन्होंने इस प्रमाण पत्र का उपयोग आरक्षित श्रेणी में चुनाव लड़ने के लिए किया।
शिकायतों में वैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन करने के लिए कथित झूठे बीसी-ए प्रमाण पत्रों को रद्द करने और इस गलत कृत्य में शामिल सभी लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने का अनुरोध किया गया। हालाँकि, आज तक जाली प्रमाण पत्र पर प्राप्त लाभ सरकार द्वारा वापस नहीं लिए गए हैं।
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