Concerns Rise Over Telecom Equipment Policy Changes in India टेलीकॉम उपकरण कंपनियों को विदेशी जासूसी का खतरा, Delhi Hindi News - Hindustan
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टेलीकॉम उपकरण कंपनियों को विदेशी जासूसी का खतरा

पिछले सप्ताह जारी सरकारी नोटिस से टेलीकॉम उपकरणों की स्थानीय खरीद नीति में बदलाव का संकेत मिला है। स्थानीय निर्माताओं को नोकिया और एरिक्सन जैसी बड़ी कंपनियों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा में चिंता है।...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 9 June 2025 06:21 PM
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टेलीकॉम उपकरण कंपनियों को विदेशी जासूसी का खतरा

नई दिल्ली, कार्यालय संवाददाता। पिछले सप्ताह जारी सरकारी नोटिस में टेलीकॉम उपकरण स्थानीय रूप से खरीदने की नीति में उलटफेर का संकेत दिया गया है। इस नोटिस के चलते स्थानीय निर्माताओं को नोकिया और एरिक्सन जैसी बड़ी कंपनियों के सामने अपना आधार खोने की चिंता सताने लगी है। साथ ही उन्होंने कहा कि इससे जासूसी का खतरा बढ़ेगा और भारत का आत्मनिर्भरता का एजेंडा कमजोर होगा। वर्तमान नियमों के तहत, टेलीकॉम उपकरण निर्माताओं को पसंदीदा बोलीदाता श्रेणी में आने के लिए अपनी कुल सामग्री का 50-60% स्थानीय रूप से खरीदना होता है। हालांकि, तीन जून के नोटिस में, दूरसंचार विभाग ने कहा कि भारत में इलेक्ट्रॉनिक और दूरसंचार उत्पादों को 50-60% स्थानीय रूप से हासिल करने में कई चुनौतियां हैं।

दूरसंचार विभाग ने कहा कि इस बाधा को पहचानते हुए, स्थानीय सामग्री की उपलब्धता कराने की योग्यता की शर्तों की भी समीक्षा करने की जरूरत है। घरेलू दूरसंचार उपकरण निर्माताओं ने चेतावनी दी है कि किसी भी तरह की ढील बहुराष्ट्रीय कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाएगी। वॉयस ऑफ इंडियन कॉमटेक एंटरप्राइजेज (वॉयस) के महानिदेशक राकेश भटनागर ने कहा, दूरसंचार उपकरणों के लिए स्थानीय सामग्री को शर्त में ढील देने की कोई आवश्यकता नहीं है। वॉयस ऑफ इंडियन कॉमटेक एंटरप्राइजेज के सदस्यों में टाटा समूह की कंपनी तेजस नेटवर्क्स, एचएफसीएल लिमिटेड, वीवीडीएन टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड और एसटीएल टेक शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यह बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए पिछले दरवाजे को खोला जा रहा है और यह नीतिगत घोषणाओं के बिल्कुल खिलाफ है। आठ महीने पहले ही, दूरसंचार विभाग ने कहा था कि 36 दूरसंचार उपकरण श्रेणियों में पर्याप्त स्थानीय क्षमता और प्रतिस्पर्धा है जिसमें ईथरनेट स्विच, 4जी मोबाइल सिस्टम, ऑप्टिकल फाइबर और कुछ वाई-फाई उत्पाद शामिल हैं। भटनागर के अनुसार, पड़ोसियों के साथ संघर्ष को देखते हुए, भारत को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इलेक्ट्रॉनिक्स, दूरसंचार, अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में कोई भी सॉफ्टवेयर और प्रोग्राम करने योग्य पार्ट विदेशी आपूर्तिकर्ताओं से न आए। दूसरी ओर, विदेशी दूरसंचार उपकरण निर्माताओं का कहना है कि सेमीकंडक्टर और विशेष दूरसंचार मॉड्यूल जैसे प्रमुख घटकों के लिए भारत की आयात पर निरंतर निर्भरता को देखते हुए अल्पकालिक छूट आवश्यक है। उद्योग के अधिकारियों ने कहा कि हाल ही में, फिनलैंड स्थित नोकिया और स्वीडन की एरिक्सन जैसी कंपनियां सरकार से कुछ नियमों में ढील देने के लिए लॉबिंग कर रही हैं ताकि वे सरकारी निविदाओं में भाग ले सकें। इस संबंध में नोकिया, एरिक्सन, तेजस नेटवर्क लिमिटेड, एचएफसीएल और वीवीडीएन ने पूछे गए प्रश्नों का उत्तर नहीं दिया।

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