अपडेट---अगले साल मार्च तक नक्सल मुक्त हो जाएगा भारत : अमित शाह
नोट-- इस हेडिंग से ‘नक्सलवाद को अगले साल मार्च तक खत्म करने को प्रतिबद्ध :

नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि सुरक्षा बलों ने छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर कर्रेगुट्टा पहाड़ियों में 31 कुख्यात नक्सलियों को मार गिराकर देश को नक्सल मुक्त बनाने के संकल्प में ऐतिहासिक सफलता हासिल की है। उन्होंने कहा, ‘मैं एक बार फिर देशवासियों को आश्वस्त करता हूं कि 31 मार्च 2026 तक भारत नक्सल मुक्त हो जाएगा। शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार देश से नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के लिए दृढ़ संकल्पित है। गृह मंत्री ने कहा कि कर्रेगुट्टा पहाड़ियां पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) बटालियन नंबर 1, दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (डीकेएसजेडसी), तेलंगाना स्टेट कमेटी (टीएससी) और सेंट्रल रीजनल कमेटी (सीआरसी) जैसे बड़े नक्सल संगठनों का एकीकृत मुख्यालय था।
यहां नक्सलियों को प्रशिक्षण के साथ-साथ रणनीति और हथियार भी विकसित किए जाते थे। हमारे सुरक्षाबलों ने इस सबसे बड़े नक्सल विरोधी अभियान को महज 21 दिनों में पूरा कर लिया और मुझे बेहद खुशी है कि इस अभियान में सुरक्षाबलों का एक भी जवान हताहत नहीं हुआ। उन्होंने कहा, ‘मैं अपने सीआरपीएफ, एसटीएफ और डीआरजी के जवानों को बधाई देता हूं, जिन्होंने खराब मौसम और दुर्गम पहाड़ी इलाकों में भी अपनी बहादुरी और साहस के साथ नक्सलियों का सामना किया। पूरे देश को आप पर गर्व है। राज्य पुलिस के साथ मिलकर चल रहा अभियान केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक जीपी सिंह ने कहा कि 2014 में शुरू हुआ नक्सल विरोधी अभियान 2019 से और तेज तथा अधिक केंद्रित हो गया है। इसमें केंद्रीय अर्धसैनिक बल नक्सलवाद को खत्म करने की प्रतिबद्धता के साथ राज्य पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं। जमीनी स्तर पर अभियानों के प्रभावों को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि 2014 में सर्वाधिक नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या 35 थी जो 2025 में अब घटकर छह रह गई है। वहीं, इस अवधि में नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या 126 से घटकर 18 हो गई है। दो हजार से ज्यादा नक्सली मारे गए सीआरपीएफ के महानिदेशक ने कहा कि वर्ष 2014 में हिंसक घटनाओं की संख्या 1,080 थी, जो 2024 में घटकर 374 हो गई। 2014 में नक्सली हिंसा में मारे गए सुरक्षाकर्मियों की संख्या 287 थी, जो 2024 में घटकर 19 हो गई। इस अवधि के दौरान ढेर किए गए नक्सलियों की संख्या 2089 तक पहुंच गई है। इस वर्ष 718 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया वर्ष 2024 में 928 नक्सली सुरक्षाबलों के समक्ष आत्मसमर्पण कर चुके हैं, जबकि इस साल अब तक 718 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। जीपी सिंह ने बताया कि सुरक्षाबल नक्सलियों को उनके ठिकानों से खदेड़ने की कोशिश कर रहे हैं। इन इलाकों में अब तक 320 नए सुरक्षा शिविर स्थापित किए गए हैं, इसके अलावा रात में लैंडिंग के लिए 68 हेलीपैड भी बनाए गए हैं।
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