भारत-PAK मामले में शशि थरूर ने लांघ दी लक्ष्मण रेखा, कांग्रेस आलाकमान की नेताओं को हिदायत
बैठक के बाद शशि थरूर के बयानों के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि थरूर की टिप्पणी पार्टी की राय नहीं होती है।

कांग्रेस सूत्रों ने बुधवार को कहा कि पार्टी में सबको अपनी राय रखने की आजादी है, लेकिन लोकसभा सदस्य शशि थरूर ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव से जुड़े मुद्दे पर अपने बयानों से 'लक्ष्मण रेखा' लांघ दी है। सूत्रों का यह भी कहना है कि आलाकमान ने नेताओं को हिदायत दी है कि वे इस मुद्दे पर अपनी व्यक्तिगत राय व्यक्त करने के बजाए पार्टी का पक्ष रखें। पार्टी सूत्रों ने वरिष्ठ नेताओं की बैठक के बाद यह जानकारी दी।
सूत्रों ने बताया, ''कांग्रेस एक लोकतांत्रिक पार्टी है और सभी को अपनी राय जाहिर करने की आजादी है, लेकिन थरूर ने इस बार लक्ष्मण रेखा लांघ दी है।'' उनका कहना है, ''बैठक में आलाकमान की तरफ से हिदायत दी गई कि यह समय व्यक्तिगत राय व्यक्त करने का नहीं, (बल्कि) पार्टी की राय रखने का है। हालांकि यह हिदायत देते वक्त किसी का नाम नहीं लिया गया।'' बैठक के बाद थरूर के बयानों के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि थरूर की टिप्पणी पार्टी की राय नहीं होती है।
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, जयराम रमेश, सचिन पायलट, पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर और कई अन्य नेता शामिल थे। पहलगाम आतंकी हमले के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की यह तीसरी बैठक थी।
'ऑपरेशन सिंदूर का राजनीतीकरण कर रहे हैं प्रधानमंत्री, भाजपा'
कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 'ऑपरेशन सिंदूर' का खुलकर राजनीतीकरण कर रही है तथा इस सैन्य अभियान को सत्तारूढ़ पार्टी का ब्रांड बनाने का प्रयास किया जा रहा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की यहां आयोजित बैठक में यह भी तय किया गया कि आने वाले दिनों में देश में अलग अलग स्थानों पर "जयहिंद सभाओं" का आयोजन किया जाएगा जिनमें प्रधानमंत्री मोदी से सवाल किए जाएंगे। बैठक के बाद रमेश ने संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया कि सर्वदलीय बैठक और संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं मिला।