करण थापर ने पूछा- ऑपरेशन सिंदूर से हमें क्या मिला? शशि थरूर ने दिया जोरदार जवाब- VIDEO
इंटरव्यू के दौरान शशि थरूर ने कहा कि ट्रंप के ट्वीट के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की चुप्पी का मतलब यह हो सकता है कि सरकार डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन को निजी तौर पर आपत्ति जता रही है।

भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया संघर्ष विराम और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कथित मध्यस्थता को लेकर शुरू हुई राजनीतिक बहस ने नया मोड़ ले लिया है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर अब इस बहस के केंद्र में आ गए हैं। पूर्व विदेश राज्य मंत्री और वर्तमान में तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद थरूर ने पत्रकार करण थापर को दिए एक इंटरव्यू में अमेरिकी राष्ट्रपति के दावे को खारिज करते हुए कहा कि यह दावा अविश्वसनीय है कि भारत ने अमेरिका से पाकिस्तान के साथ संघर्ष विराम में मध्यस्थता करने को कहा। थरूर ने अपने अनुभव के आधार पर यह बात कही है।
उन्होंने कहा कि अगर भारत अमेरिका से संपर्क करता तो वह एक औपचारिक और स्पष्ट आग्रह होता। उन्होंने कहा, “अगर एस जयशंकर अमेरिका से कहते कि कृपया पाकिस्तान को यह A, B, C संदेश दें, तो उसे मध्यस्थता कहा जाता। लेकिन मुझे ऐसा नहीं लगता है कि अगर भारत ने ऐसा किया होगा।”
करण थापर के यह पूछने पर कि वह एक विपक्षी दल के नेता होने के बावजूद कैसे इतने निश्चित हैं कि ऐसा नहीं हुआ है। उनके इस सवाल पर थरूर ने कहा, “यह मेरा अनुमान है। यह मेरे दशकों के अनुभव और भारतीय विदेश नीति को समझने की क्षमता पर आधारित है।”
इंटरव्यू के दौरान शशि थरूर ने कहा कि ट्रंप के ट्वीट के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की चुप्पी का मतलब यह हो सकता है कि सरकार डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन को निजी तौर पर आपत्ति जता रही है। आपको बता दें कि थरूर विदेश मामलों की संसदीय समिति के अध्यक्ष भी हैं।
जब शशि थरूर से पूछा गया कि ऑपरेशन सिंदूर से भारत को क्या मिला तो उन्होंने कहा इस ऑपरेशन को पूरी तरह से संयमित और जिम्मेदार तरीके से अंजाम दिया गया था। उन्होंने कहा, “हमने पहले ही दिन स्पष्ट कर दिया था कि यह कोई युद्ध की शुरुआत नहीं है। अगर पाकिस्तान जवाब देगा तो हम भी जवाब देंगे। अगर वह चुप रहा, तो हम भी कोई अतिरिक्त कार्रवाई नहीं करेंगे।”
ऑपरेशन सिंदूर से हमें जो हासिल हुआ, वह यह है कि हमने 7 मई को एक बहुत ही स्पष्ट संकेत भेजा है। उन्होंने कहा, "पूरे चार दिन नहीं। पहले दिन से ही हमारी कार्रवाई सोची-समझी और सटीक थी। हमने संकेत दिया कि हम अपनी धरती पर पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेंगे। हमने यह संदेश दिया है कि एक परिपक्व शक्ति के रूप में होते हुए हम अपनी प्रतिक्रिया सावधानी से करेंगे। हम टारगेट को निशाना बनाने में सक्षम थे। हमने लश्कर के परिसर में एक इमारत को तबाह किया। आम नागरिकों की क्षति को कम से कम किया गया।"
उन्होंने कहा, "हमने पंजाब के हृदय स्थल में आतंकवादी ठिकानों पर हमला किया। हमने लोगों को बताया कि दस्ताने उतार दिए गए हैं। यह एक शक्तिशाली संदेश है और इसे भेजने की आवश्यकता थी और भेजा गया।"
शशि थरूर ने 2016 के सर्जिकल स्ट्राइक, 2019 के बालाकोट एयरस्ट्राइक और अब ऑपरेशन सिंदूर को भारत की स्पष्ट और बदलती पाकिस्तान नीति के उदाहरण के रूप में गिनाया।