निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ सोशल मीडिया पोस्ट हटाए, कोर्ट ने बंद किया मामला
यह याचिका 2023 में दायर एक मानहानि मामले का हिस्सा थी। इसमें मोइत्रा ने दुबे पर संसद में सवाल पूछने के लिए रिश्वत लेने के झूठे और अपमानजनक आरोप लगाने का दावा किया था

दिल्ली हाई कोर्ट ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद महुआ मोइत्रा की कथित अपमानजनक सोशल मीडिया पोस्ट से जुड़ी अंतरिम याचिका का निपटारा कर दिया है। यह याचिका भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत देहाद्रई द्वारा कथित तौर पर अपमानजनक सोशल मीडिया पोस्ट के खिलाफ दायर की गई थी। कोर्ट को सूचित किया गया कि दुबे ने फेसबुक पर अपने विवादित पोस्ट को हटा लिया है, जबकि देहरादाई ने भी अपने एक्स हैंडल से संबंधित पोस्ट हटाने का आश्वासन दिया है।
न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा ने दुबे के वकील द्वारा विवादास्पद ‘फेसबुक’ पोस्ट हटाए जाने की जानकारी देने के बाद मोइत्रा की अंतरिम याचिका का निपटारा कर दिया। अदालत ने नौ मई के अपने आदेश में कहा, “प्रतिवादी दुबे ने ‘फेसबुक’ से पोस्ट पहले ही हटा दी है और देहाद्रई ने ‘एक्स’ से विवादित पोस्ट हटाने का आश्वासन दिया है, इस तथ्य के मद्देनजर इस अर्जी में मांगी गई राहत विचार के लिए बची नहीं है। इस प्रकार अर्जी का निस्तारण किया जाता है।”
मोइत्रा ने दावा किया कि वह दुबे की फेसबुक पोस्ट और दुबे की पोस्ट के स्क्रीनशॉट के साथ ‘एक्स’ पर देहाद्रई के ट्वीट से व्यथित हैं यह कंटेंट भारत के लोकपाल के समक्ष मोइत्रा से संबंधित सीबीआई मामले से जुड़ा था। दुबे के वकील ने तर्क दिया कि मोइत्रा ने सोशल मीडिया पर अपमानजनक शब्दों और संकेतों का उपयोग कर बीजेपी नेता को उकसाया था। हालांकि, मोइत्रा के वकील ने स्पष्ट किया कि उनके सोशल मीडिया पोस्ट में इस्तेमाल किया गया आपत्तिजनक शब्द दुबे से संबंधित नहीं था। कोर्ट ने इस बयान को रिकॉर्ड पर लिया और मोइत्रा को इस पर कायम रहने के लिए कहा।
यह याचिका 2023 में दायर एक मानहानि मामले का हिस्सा थी, जिसमें मोइत्रा ने दुबे और देहाद्रई पर संसद में सवाल पूछने के लिए रिश्वत लेने के "झूठे और अपमानजनक" आरोप लगाने का दावा किया था। दुबे ने आरोप लगाया था कि मोइत्रा ने व्यवसायी और हीरानंदानी ग्रुप के सीईओ दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत लेकर सवाल उठाए थे। इस मामले में लोकसभा की आचार समिति ने मोइत्रा को निचले सदन से निष्कासित करने की सिफारिश की थी, जिसके बाद 8 दिसंबर 2023 को उन्हें निष्कासित कर दिया गया था।
मोइत्रा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए राजनीतिक साजिश का हिस्सा है। इस मामले में कोर्ट के इस फैसले को मोइत्रा के लिए आंशिक राहत के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि दोनों प्रतिवादियों ने विवादित पोस्ट हटाने पर सहमति जताई है।
(इनपुट एजेंसी)