ब्यूरो::-- रियायती प्रमाण पत्र पर विकलांग के बजाए बौद्धिक दिव्यांग दर्ज होगा
केंद्र सरकार ने रेलवे के रियायती प्रमाण पत्र में 'मानसिक विकलांग' की जगह 'बौद्धिक दिव्यांग' शब्द का उपयोग करने का फैसला किया है। यह बदलाव एक जून से प्रभावी होगा। रेलवे बोर्ड ने इस संबंध में आदेश जारी...

नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। केंद्र सरकार ने रेलवे के रियायती प्रमाण पत्र में मानसिक विकलांग के स्थान पर बौद्धिक दिव्यांग शब्द दर्ज करने का फैसला किया है। सरकार का मानना है कि मंदबुद्धि शब्द का उच्चारण अशक्तजनों को अप्रिय लगते हैं। इसलिए यह बदलाव करने का फैसला किया गया है। नया नियम एक जून से लागू होगा। रेलवे बोर्ड ने इस बाबत गत सप्ताह आदेश जारी कर दिया है। इसमें कहा गया है कि अब रियायती फॉर्म में मानसिक रूप से मंद व्यक्ति जोकि बिना सहायक के यात्रा नहीं कर सकते है, फार्म पर उनको बौद्धिक दिव्यांग शब्द का उपयोग किया जाएगा।
बोर्ड ने सभी जोनल रेलवे के प्रधान मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधकों को सुधार को लेकर पत्र भेजा गया है। नए रियायती फार्म में पहली जून से उक्त बदलाव कर दिया जाएगा। अगले महीने से आईआरसीटीसी और जोनल रेलवे अपनी वेबसाइट पर संशोधित फार्म उपलब्ध होगी। रेलवे बोर्ड के अधिकारी ने बताया कि बौद्धिक दिव्यांग के रियायत मद अन्य नियमों व शर्तों में कोई परिवर्तन नहीं होगा। उनको और उनके सहायक को ट्रेन के चेयरकार-एसी-3 में 75 फीसदी रियायत पर टिकट मिलेगा। एसी-1 व 2 में रेल किराये में 50 फीसदी की छूट पूर्व भी भांति मिलेगी। इसके अलावा बौद्धिक दिव्यांगजनों को मासिक-त्रिमासिक सीजन पास 50 फीसदी की रियायत पर उपलब्ध होगा। विदित हो कि रेलवे गंभीर बीमारियों-दिव्यांगजनों की कुल 13 श्रेणी में रियायत उपलब्ध करता है। इसमें प्रमुख रूप से हर्दय रोगी, गुर्दे के रोगी, थैलेसीमिया, कैंसर, टीबी अदि रोगियों को यह सुविधा मिल रही है।
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