डीयू में याद किए गए संस्कृत गुरु
नई दिल्ली। प्रमुख संवाददाता दिल्ली विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग में डा.इंद्र चंद्र शास्त्री

नई दिल्ली। प्रमुख संवाददाता दिल्ली विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग में डा.इंद्र चंद्र शास्त्री की पुस्तक ए स्टडी आफ न्याय मंजरी का लोकार्पण हुआ। संस्कृत विभाग अपने पहले अध्यक्ष और प्रकांड विद्वान डॉ. इंद्र चंद्र शास्त्री संस्कृत विभाग से 1953 में जुड़े थे। डॉ शास्त्री ने अपने जीवन के अंतिम करीब तीन दशकों तक नेत्र ज्योति चली जाने के बावजूद अध्यापन और लेखन जारी रखा। उन्होंने 70 पुस्तकें और लगभग 300 शोध पूर्ण निबंध लिखें। उनके निधन के बाद उनके परिवार के लोगों ने यह पुस्तक प्रकाशित की। दरअसल डा. शास्त्री ने उपर्युक्त पुस्तक को 60 वर्ष पूर्व 1956 में लिखा था लेकिन विपरीत परिस्थितियों तथा शिक्षा जगत की अपेक्षा के कारण यह पुस्तक अब उनके पुत्र और चिंतक स्नेह सुमन के प्रयासों से प्रकाशित हो सकी है।
दिल्ली विश्वविद्यालय संस्कृत विभाग तथा डॉ इन्द्र चंद्र शास्त्री रिसर्च इंस्टीट्यूट के संयुक्त तत्वधान में कार्यक्रम संपन्न हुआ। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के उपकुलपति प्रो. श्रीनिवास वरखेड़ी के अलावा इस अवसर पर दिल्ली और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के संस्कृत के ढेरों अध्यापकों, विद्यार्थियों के अलावा डॉ. शास्त्री के पुत्र स्नेह सुमन और पुत्री डा. इंदु सुंदरी भी उपस्थित थे।
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