मद्रास हाईकोर्ट ने ऑनलाइन गेमिंग नियमों को बरकरार रखा
मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार के ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग नियमों को बरकरार रखा। अदालत ने गेमिंग कंपनियों की याचिकाएं खारिज कर दीं। न्यायालय ने कहा कि राज्य के पास सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा के...

मद्रास हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में मंगलवार को तमिलनाडु सरकार के ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग पर बने नियमों को बरकरार रखा। अदालत ने गेमिंग कंपनियों द्वारा दायर याचिकाएं खारिज कर दी। न्यायमूर्ति एस.एम. सुब्रमण्यम और के. राजशेखर की पीठ ने अपने फैसले में कहा कि राज्य के पास सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा के हित में ऑनलाइन गेम को विनियमित करने का संवैधानिक अधिकार है। अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि निजता का अधिकार निरपेक्ष नहीं है और सामाजिक नुकसान को रोकने के लिए उचित प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं। न्यायालय का मानना था कि कोई भी ऑनलाइन गेम या ऑनलाइन मनोरंजन तभी नियंत्रित किया जाता है जब बड़े पैमाने पर लोगों के सार्वजनिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।
जब किसी विशिष्ट ऑनलाइन मनोरंजन, खेल या व्यापार के निरंतर संपर्क के कारण बड़ी आबादी को गंभीर शारीरिक, मानसिक और वित्तीय जोखिमों का खतरा होने पर राज्य मूकदर्शक नहीं रह सकता। पीठ ने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में जहां पूर्ण प्रतिबंध संभव नहीं है, कम से कम न्यूनतम नियंत्रण जरूरी हो जाता है। यह था नियम अदालत द्वारा मान्य किए गए प्रमुख प्रावधानों में अनिवार्य आधार-आधारित नो योर कस्टमर (केवाईसी) सत्यापन, आधी रात से सुबह पांच बजे के बीच ऑनलाइन रियल मनी गेम खेलने पर प्रतिबंध और खिलाड़ियों के लिए आयु और मौद्रिक सीमा लागू करना शामिल है। सरकार ने तर्क दिया कि इन उपायों का उद्देश्य विशेष रूप से युवाओं में गेमिंग की लत को रोकना है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।