अपडेट:: मोदी दौरा:: भारत- साइप्रस के संबंधों में बहुत ताकत: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलाइड्स के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए गोलमेज सम्मेलन में चर्चा की। दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग और रणनीतिक...

निकोसिया, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत- साइप्रस के द्विपक्षीय संबंधों में बहुत ताकत है। प्रधानमंत्री मोदी ने साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलाइड्स के साथ गोलमेज सम्मेलन के बाद संयुक्त प्रेस वार्ता में सोमवार को ये बात कही। उन्होंने कहा कि भारत और साइप्रस सामरिक साझेदारी के लिए रोडमैप बनाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत को साइप्रस पर भूरा भरोसा है और दोनों देश लंबे समय से एकसाथ काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिजनेस राउंड टेबल सम्मेलन कई मायनों में दोनों देशों के लिए अहम है। इससे आर्थिक गतिविधियों को नया रास्ता मिलेगा, व्यापार, नवाचार और रणनीतिक क्षेत्र में संबंधों को लंबे समय के लिए विस्तार मिलेगा।
दोनों देश एकसाथ मिलकर आर्थिक सहयोग के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत करेंगे। साइप्रस को चर्चित पर्यटन केंद्र बताते हुए कहा कि दोनों देश विकास और प्रबंधन के क्षेत्र में मजबूती से काम कर रहे हैं। अगर दोनों देशों के पर्यटन क्षेत्र के लोग आपस में जुड़़ें तो स्थितियां बेहतर हो सकती हैं। भारत की अर्थव्यवस्था बीते 11 वर्षों में तेजी से बढ़ी है। बैठक में साइप्रस की कई कंपनियों के सीईओ समेत अन्य लोग मौजूद रहे। भारत जल्द बनेगा तीसरी अर्थव्यवस्था प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत जल्द ही ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभरेगा। भारत ने नई पीढ़ी की सहूलियत के नीतियां बेहतर करने के साथ व्यापारिक गतिविधियों को आसान बनाया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत नवाचार, डिजिटल क्रांति, स्टार्टअप और भविष्य को लिए आधारभूत ढांचे पर जोर दे रहा। अब भारत का जोर व्यापार सरल बनाने और अर्थव्यवस्था को नए मुकाम पर पहुंचाने पर है। भारत में निवेशक को इच्छुक साइप्रस देश में बीते दस वर्षों में डिजिटल क्रांति हुई है। दुनिया का 50 फीसदी डिजिटल लेनदेन भारत में हो रहा। इसमें यूपीआई की भूमिका अहम है। फ्रांस समेत कई देश इसके लिए भारत से जुड़े हैं। साइप्रस से इसको लेकर बातचीत चल रही है। साइप्रस भारत का मजबूत आर्थिक साझेदार है। एफडीआई के जरिए वे भारत में निवेश कर रहा। साइप्रस ने भारतीय अर्थव्यवस्था में भी निवेश की इच्छा जताई है। साझेदारी से कई क्षेत्रों में सुधार प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि साइप्रस और भारत के बीच साझेदारी से कई क्षेत्रों में तेजी से तरक्की हो रही है। भारत के नागरिक उड्डयन क्षेत्र, बंदरगाह, पोत निर्माण और डिजिटल भुगतान के साथ हरित क्षेत्र में नए अवसर खुले हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि 23 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री का ये पहला साइप्रस दौरा है। दोनों देशों के नेताओं और उद्योगपतियों के बीच मजबूत रिश्ते संबंधों को नए मुकाम पर पहुंचाएंगे। दुनिया जानती है हमारा हुनर प्रधानमंत्री ने भारत के कौशल विकास और स्टार्टअप तंत्र की ताकत का जिक्र करते हुए कहा कि भारत उत्पादन, एआई, क्वांटम सेमीकंडक्टर और बेशकीमती खनिज क्षेत्रों के साथ नए क्षेत्रों में मजबूती से कदम बढ़ा रहा। ये क्षेत्र भारत की तरक्की को नई दिशा दे रहे हैं। साइप्रस के उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आप सभी भारत के हुनर और आबादी को अच्छे से जानते हैं और यहीं हमारी ताकत हैं। एमओयू पर हुआ हस्ताक्षर वित्त क्षेत्र में संबंधों को मजबूती देने के लिए दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने गुजरात के गिफ्ट सिटी स्थित एनएसई इंटरनेशनल एक्सचेंज और साइप्रस के स्टॉक एक्सचेंज को लेकर एमओयू पर हस्ताक्षर किया। इसी तरह इंटरनेशनल पेमेंट लिमिटेड और साइप्रस के यूरोबैंक के बीच यूपीआई भुगतान के लिए बात शुरू हो गई है। इससे दोनों देशों के बीच पर्यटकों और औद्योगिक गतिविधियों को तेजी मिलेगी। साइप्रस यूरोप का गेटवे गोल मेज सम्मेलन के दौरान भारत, ग्रीस और साइप्रस बिजनेस एंड इन्वेस्टमेंट काउंसिल के लॉन्चिंग का प्रधानमंत्री ने स्वागत किया। इससे तीन दोनों के बीच संबंधों को नई मजबूती मिलेगी। शिपिंग, लॉजिस्टक्स, नवीकरणीय ऊर्जा, नागरिक उड्डयन और डिजिटल सेवा को विस्तार मिलेगा। उन्होंने कहा, भारतीय कंपनियों के लिए साइप्रस यूरोप का गेटवे होने के साथ आईटी सेवा, वित्त प्रबंधन और पर्यटन का हब है। ये युद्ध का समय नहीं प्रधानमंत्री मोदी ने साइप्रस के राष्ट्रपति से बातचीत के दौरान कहा कि ये युद्ध का काल नहीं है। पश्चिम एशिया और यूरोप में तनातनी पर चिंता जाहिर करते हुए उन्होंने ये बात कही। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को ये समझना होगा कि ये युद्ध का समय नहीं है। तनातनी का नकारात्मक असर सीमित नहीं होगा। इसका व्यापक असर पड़ सकता है, ऐसे में मानवता की खातिर बातचीत पर जोर देना होगा। सांसद ने छुए प्रधानमंत्री के पैर प्रधानमंत्री मोदी साइप्रस के सेंटर ऑफ निकोसिया पहुंचे तो साइप्रस की सांसद मिकेला किथ्रेओटी म्लापा ने प्रधानमंत्री का पारंपरिक तरीके से पैर छूकर स्वागत किया। सोशल मीडिया पर ये वीडियो खूब वायरल है। सांसद के पैर छूने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने बड़ी विनम्रता से उनका अभिवादन स्वीकार किया। लोग कह रहे हैं कि ये दिखाता है कि भारत और साइप्रस के सांस्कृतिक संबंध कितने गहरे हैं। कोट... भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का साइप्रस दौरा दोनों देशों के बीच नया अध्याय लिखने के लिए सुनहरा मौका है। आंतकवाद के खिलाफ लड़ाई में साइप्रस भारत के साथ है। निकोस क्रिस्टोडौलाइड्स, राष्ट्रपति, साइप्रस
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