झारखंड में सुरक्षा बलों पर हमले की साजिश में आरोपपत्र दाखि
2020 में लोहरदगा के बुलबुल वन क्षेत्र में नक्सलियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हुई थी। एनआईए ने रंथू उरांव और नीरज सिंह खेरवार के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है। अब तक 25 आरोपियों की पहचान की जा चुकी...

2020 में लोहरदगा के बुलबुल वन क्षेत्र में हुई थी नक्सलियों और सुरक्षाबलों की मुठभेड़ एनआईए ने रंथू उरांव और नीरज सिंह खेरवार के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया सशस्त्र विद्रोह के लिए एकत्र हुए थे नक्सली, अबतक 25 आरोपियों की पहचान नई दिल्ली, एजेंसी। झारखंड में वर्ष 2022 में सुरक्षा बलों पर हमला करने की साजिश के प्रकरण में एनआईए ने दो और आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है। शनिवार को एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई। राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा झारखंड निवासी रंथू उरांव और नीरज सिंह खेरवार के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किए जाने के बाद आरोपियों की कुल संख्या 25 हो गई है।
एनआईए ने कहा कि शुक्रवार को रांची की एक विशेष अदालत के समक्ष दायर आरोपपत्र में दोनों पर भारतीय दंड संहिता, शस्त्र अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। एक गुप्त सूचना पर पुलिस और सीआरपीएफ जवानों ने फरवरी 2022 में लोहरदगा के बुलबुल वन क्षेत्र में एक संयुक्त तलाशी अभियान शुरू किया। वहां सीपीआई (माओवादी) के कैडर अपने शीर्ष कमांडर प्रशांत बोस की गिरफ्तारी का बदला लेने के लिए बॉक्साइट माइंस क्षेत्र में सुरक्षा बलों पर हमले की योजना बनाने के लिए एकत्र हुए थे। बयान के अनुसार, इस सभा का नेतृत्व नक्सली संगठन के क्षेत्रीय कमांडर रवींद्र गंझू ने सक्रिय कैडर बलराम उरांव, मुनेश्वर गंझू और 45-60 अन्य कैडर के साथ किया था। बहाबर जंगल जाते समय सुरक्षा बलों पर हरकट्टा टोली और बांग्ला पाट में भाकपा (माओवादी) के कार्यकर्ताओं ने अंधाधुंध गोलीबारी की। इसके बाद मुठभेड़ हुई। मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बलों ने इलाके की गहन तलाशी ली और भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद जब्त किया। झारखंड पुलिस ने शुरुआत में नौ लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था। इसके बाद अगस्त 2023 से मई 2025 के बीच एनआईए ने 23 लोगों के खिलाफ पांच पूरक आरोप पत्र दायर किए। इसमें झारखंड पुलिस द्वारा पहले से ही आरोपित नौ आरोपी शामिल हैं और एनआईए द्वारा नई धाराओं के तहत आगे आरोप लगाए गए हैं। एनआईए ने जांच के दौरान पाया कि साजिश का उद्देश्य देश की अखंडता, सुरक्षा और संप्रभुता को खतरे में डालने और सरकार को अस्थिर करने के लिए आतंकवादी और हिंसक कृत्य और सशस्त्र विद्रोह करना था। एनआईए द्वारा गिरफ्तार आरोपियों ने अन्य सीपीआई (माओवादी) कैडरों और ओवरग्राउंड समर्थकों की मिलीभगत का भी खुलासा किया है। एनआईए देश में सीपीआई (माओवादी) नेटवर्क को खत्म करने के अपने प्रयासों के तहत अन्य सह-षड्यंत्रकारियों की तलाश कर रही है।
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