जनकपुरी क्षेत्र में जल्द मिलेगा शुद्ध पेयजल, जल बोर्ड ने एनजीटी को किया आश्वस्त
- 30 जून तक सीवर लाइन की मरम्मत का कार्य हो जाएगा पूरा - दीर्घकालीन

निखिल पाठक नई दिल्ली। राजधानी स्थित जनकपुरी क्षेत्र के निवासियों को जल्द ही अशुद्ध पेयजल की आपूर्ति से राहत मिल सकती है। लंबे समय से नलों से आ रहे सीवर मिश्रित बदबूदार पानी की समस्या अब खत्म होने की कगार पर है। दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) ने हलफनामा दायर कर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) को आश्वस्त किया है कि 30 जून तक क्षेत्र में न केवल पेयजल की गुणवत्ता सुधरेगी, बल्कि सीवर लाइन की मरम्मत भी पूरी कर ली जाएगी। जल बोर्ड ने एनजीटी को यह भी बताया कि क्षेत्र के लोगों की गंदे पानी की समस्या को हमेशा के लिए खत्म करने को विभाग ने 40 साल पुरानी सीवर और पानी की पाइपलाइन बदलने का फैसला किया है।
इस कार्य को वर्ष 2025-26 की वार्षिक कार्य योजना में शामिल करते हुए बजट की मांग की गई है। ------- सेहत पर बुरा असर डाल रहा सीवर मिश्रित जल यह मामला जनकपुरी क्षेत्र में दूषित पेयजल आपूर्ति से जुड़ा है। जिसकी शिकायत स्थानीय रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) ने एनजीटी में की थी। शिकायत में कहा गया था कि क्षेत्र में सीवर मिले हुए पेयजल की आपूर्ति की जा रही है। जिससे लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है। आरडब्ल्यूए ने कहा था कि सीवर मिले पानी से लोगों को हेपेटाइटिस, यूरोसेप्सिस, टाइफाइड, पीलिया, हैजा जैसी बीमारियों का खतरा है। ------- जांच में पीने योग्य मिले पानी के नमूने मामले में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने हाल ही में जनकपुरी क्षेत्र के ए-1 ब्लाक के 20 घरों से पानी के नमूने लिए थे। इनमें से छह नमूने गुणवत्ता मानकों पर खरे नहीं उतरे थे। हालांकि, इसके बाद जल बोर्ड की गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला ने 31 मई को इन्हीं घरों से दोबारा नमूने लेकर जांच की, जिनमें सभी पानी पीने योग्य पाए गए। एनजीटी ने मामले की अगली सुनवाई 16 जुलाई को तय की है। -------- इन क्षेत्रों में भी दूषित पेयजल की दिक्कत दिल्ली के अन्य क्षेत्रों में भी दूषित जल आपूर्ति की शिकायतें अक्सर सामने आती हैं। खासकर त्रिलोकपुरी, संगम विहार, करावल नगर, मुंडका, भजनपुरा, देवली, सीलमपुर, सीमापुरी, शास्त्री पार्क जैसे इलाकों में नागरिकों को गंदे पानी की समस्या से जूझना पड़ता है। कई जगहों पर जर्जर पाइपलाइनों के कारण सीवर का पानी पेयजल लाइन में मिल जाता है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी गंभीर खतरे उत्पन्न होते हैं।
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