कर्च चुकाने के लिए जबरन शादी के मामले में नाबालिग लड़की और उसके दोस्त को सुरक्षा देने का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार की एक नाबालिग लड़की के मामले में दखल दिया है, जिसे कर्ज नहीं चुकाने के कारण 33 साल के ठेकेदार से जबरन शादी के लिए मजबूर किया गया था। कोर्ट ने पुलिस को उसकी और उसके दोस्त की...

नई दिल्ली। विशेष संवाददाता सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बिहार के उस नाबालिग लड़की के बचाव में आगे आया, कर्ज नहीं चुका पाने के चलते जिसकी शादी एक 33 साल के ठेकेदार से जबरन करा दी गई थी। शीर्ष अदालत ने बिहार के पुलिस महानिदेशक और दिल्ली पुलिस आयुक्त को न सिर्फ ससुराल से भागी उस नाबालिग को बल्कि भागने में मदद करने वाले उसके दोस्त को पर्याप्त सुरक्षा देने का आदेश दिया है। जस्टिस उज्जल भुइयां और मनमोहन की पीठ ने लड़की और उसके दोस्त को अपनी जान को खतरा है, ऐसे में बिहार के पुलिस महानिदेशक और दिल्ली पुलिस आयुक्त उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने का आदेश दिया है।
पीठ ने इसके लिए पुलिस अधिकारियों को लड़की और उसके दोस्त से संपर्क करने और जरूरी सहायता करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही, पीठ ने बिहार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर मामले की अगली सुनवाई 15 जुलाई से पहले जवाब दाखिल करने को कहा है। शीर्ष अदालत में दाखिल याचिका में 16 साल की नाबालिग लड़की ने बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के तहत अपनी शादी को रद्द करने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट में अपने दोस्त की मदद से दाखिल याचिका में लड़की ने कहा है कि 9 दिसंबर, 2024 को साढ़े 16 साल की उम्र में जबरन उसकी शादी 33 साल के ठेकेदार जयकर से करा दी क्योंकि उसके पिता कर्ज चुकाने में असमर्थता जाहिर की। लड़की की ओर से याचिका में कहा है कि अब पति और ससुराल वाले उसे इस विवाह को निभाने के लिए मजबूर करने के साथ ही, उसके साथ शारीरिक और मानसिक दुर्व्यवहार भी कर रहे हैं। नाबालिग की ओर से दाखिल उसके ससुराल वालों ने उसे माता-पिता के घर वापस जाने की अनुमति नहीं दी। साथ ही, याचिका में कहा है कि पति और ससुराल वाले कह रहे है कि शादी के लिए उसके पिता को बहुत पैसा दिया और खर्च किया है। साथ ही लड़की ने कहा कि ससुराल वालों ने बार-बार उससे कहा कि वे एक बच्चा चाहते हैं। विवाह रद्द करने की मांग करते हुए, लड़की ने आगे पढ़ने की इच्छा जाहिर की है, लेकिन ससुर ने उसे उसके माता-पिता के घर वापस जाने की अनुमति देने के भरोसे के अपने बावजूद कैद में रखा था। याचिका में कहा गया है कि लड़की किसी तरह अपने एक दोस्त की मदद से ससुराल से भागने में कामयाब रही है, लेकिन अब उसकी और उसके दोस्त दोनों की जान को खतरा है। लड़की ने कहा है कि यदि वह बिहार लौटती है तो उसके और उसके दोस्त दोनों के जान को खतरा है। जिस लड़के ने लड़की को ससुराल से भागने में मदद की है, वह अब अपहरण के आरोपों का सामना कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि लड़की के दोस्त के खिलाफ उसकी मां 4 अप्रैल 2025 को पटना के पिपलावा थाना में अपहरण करने के आरोप में मुकदमा दर्ज करा दिया ताकि लड़की को वापस बुलाकर ससुराल भेजा जा सके।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।