तमिलनाडु सरकार ने दिल्ली के मद्रासी कैंप के लोगों की तरफ बढ़ाया मदद का हाथ, 'घर वापसी' में करेगी हेल्प
राजधानी दिल्ली के जंगपुरा मद्रासी कैंप में रविवार को अवैध निर्माण और अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई में 300 से अधिक झुग्गियों को ध्वस्त कर दिया गया। इसके चलते सैकड़ों लोग बेघर हो गए।

राजधानी दिल्ली के जंगपुरा मद्रासी कैंप में रविवार को अवैध निर्माण और अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई में 300 से अधिक झुग्गियों को ध्वस्त कर दिया गया। इसके चलते सैकड़ों लोग बेघर हो गए। अब तमिलनाडु सरकार ने मद्रासी कैंप के उन निवासियों की मदद करने का ऐलान किया है जो तमिलनाडु में अपने मूल जिलों में वापस जाना चाहते हैं। तमिलनाडु सरकार ने कहा है कि आजीविका और अन्य आवश्यक आवश्यकताओं के लिए उन्हें सहायता प्रदान की जाएगी।
दिल्ली में मद्रासी कैंप में हुई तोड़फोड़ में अपने घर गंवाने वाले एक तमिल व्यक्ति मणि ने तमिलनाडु सरकार द्वारा सहायता की पेशकश पर कहा, “... उन्हें पहले मद्रास में मौजूद वाले लोगों को नौकरी देनी चाहिए, और फिर उन्हें हमें बुलाना चाहिए। लोग वहां क्यों खाली घूम रहे हैं? पहले उन्हें तमिलनाडु को संभालना चाहिए, फिर उन्हें दिल्ली को देखना चाहिए। दिल्ली में तो हम कहींं भी रहकर कमा लेंगे। अगर उन्होंने हमें नौकरी दी होती, तो हम तमिलनाडु से दिल्ली क्यों आते?...”
बता दें कि, निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन के पास बारापुला नाले के किनारे करीब 60 साल से मौजूद मद्रासी कैंप की झुग्गियों में करीब 370 परिवार रहते थे। मद्रासी कैंप को ध्वस्त करने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद पिछले महीने यहां रहने वाले लोगों को घर छोड़ने के नोटिस दिए गए थे। अधिकारियों ने नरेला में सरकारी फ्लैटों में पुनर्वास के लिए केवल 189 परिवारों की पहचान की थी।
30 मई को जारी एक सरकारी नोटिस में यहां के निवासियों को सूचित किया गया था कि उनके सामान को शिफ्ट करने में मदद के लिए 31 मई से 1 जून तक बारापुला पुल पर ट्रक उपलब्ध रहेंगे।
तमिलनाडु सरकार ने स्थिति पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अदालत के निर्देश के अनुसार तोड़फोड़ की जा रही है और सभी कानूनी विकल्प समाप्त हो चुके हैं। सरकार ने कहा कि तमिलनाडु के उन निवासियों को सहायता प्रदान की जाएगी जो अपने मूल जिलों में वापस जाना चाहते हैं।
(भाषा के इनपुट के साथ)