पाकिस्तान की प्रीति ने फोन पर बिछाया प्यार का जाल, ऐसे हनीट्रैप हुआ ठाणे का रवि
ATS यानी आतंकवाद निरोधक दस्ते ने रवि वर्मा को पिछले सप्ताह गिरफ्तार किया था। वह एक डिफेंस से जुड़ी फर्म में काम करता था, जिसे भारतीय नौसेना ने भी कॉन्ट्रैक्ट दिया था।

पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में महाराष्ट्र से गिरफ्तार हुए 27 साल के रवि वर्मा की जांच जारी है। कहा जा रहा है कि उसे पाकिस्तानी ऑपरेटिव ने हनीट्रैप किया था। खबर है कि कंपनी का नाम और खुद का निजी नंबर सार्वजनिक रखने के कारण वर्मा आसानी से पाकिस्तानी साजिश का शिकार हो गया और अहम जानकारी सीमा पार पहुंचा दी।
ATS यानी आतंकवाद निरोधक दस्ते ने वर्मा को पिछले सप्ताह गिरफ्तार किया था। वह एक डिफेंस से जुड़ी फर्म में काम करता था, जिसे भारतीय नौसेना ने भी कॉन्ट्रैक्ट दिया था। पुलिस ने कहा था कि वर्मा ने रेखाचित्र (स्केच), डायग्राम और ऑडियो नोट के माध्यम से युद्धपोतों और पनडुब्बियों के बारे में संवेदनशील जानकारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंट को दी और बदले में भारत एवं विदेश में विभिन्न बैंक खातों के माध्यम से पैसे प्राप्त किए।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी एजेंट ने खुद के पंजाब के एक कॉलेज की छात्रा होने का दावा किया था और वर्मा से संपर्क किया था। शुरुआत में एजेंट ने फर्जी खातों के जरिए मैसेंजर पर संपर्क किया, लेकिन इंजीनियर ने उन्हें ब्लॉक कर दिया। अखबार से बातचीत में एक अधिकारी ने बताया कि प्रोफाइल पर नंबर भी होने के कारण एजेंट ने उसे सीधा व्हाट्सऐप पर संपर्क किया।
कैसे किया हनीट्रैप
अधिकारी ने जानकारी दी कि एजेंट ने लड़की बनकर फेसबुक मैसेंजर पर संपर्क किया और खुद का नाम प्रीति बताया था। साथ ही खुद को पंजाब यूनिवर्सिटी की छात्रा बताया था। उसने कहा था कि वह जहाज बनाने से जुड़े प्रोजेक्ट पर काम कर रही है और उसकी मदद चाहती है। इसपर वर्मा ने उसे ब्लॉक कर दिया। बाद में एजेंट ने अर्शप्रीत बनकर मदद मांगी।
इसके बाद उसने वर्मा को व्हाट्सऐप पर कॉल किया। रिपोर्ट के अनुसार, बातचीत के दौरान वर्मा ने कथित तौर पर उसे जहाजों के मैप और फोटो साझा कर दिए। ये मैप उसने मुंबई पोर्ट पर प्रतिबंधित क्षेत्र में जाकर बनाए थे। इसके अलावा इंजीनियर ने एक और शख्स से बात की थी, जो उसका प्रोफेसर होने का दावा कर रहा था।
अधिकारी ने अखबार से कहा, 'उसने (एजेंट) ने उसे (रवि वर्मा) को बहन के बच्चों के लिए चीजें खरीदने के लिए 15 हजार रुपये भी दिए। इतना ही नहीं उसकी बहन की महिला से लड़ाई भी हुई थी, जहां उसने कहा था कि वह उसके भाई को छोड़ दे। हालांकि, तब तक उसके प्रेम में पड़ चुका था और काफी संवेदनशील जानकारी दे चुका था।'
कंपनी के निर्देश
खबर है कि जिस कंपनी के लिए वर्मा काम करता था, वहां साफ निर्देश हैं कि कर्मचारियों को संवेदनशील जानकारी साझा नहीं करना है। सोमवार को आरोपी को ठाणे कोर्ट में पेश किया गया था। उसकी हिरासत बढ़ा दी गई है।