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निशाने पर था छोटा भाई, गलती से प्रॉपर्टी डीलर को मार डाला; दिल्ली के पश्चिम विहार मर्डर में चौंकाने वाला खुलासा

पश्चिम विहार ईस्ट में 11 अप्रैल को प्रॉपर्टी डीलर राजकुमार दराल की हत्या में नया खुलासा हुआ है। गिरफ्तार दो हमलावरों ने बताया कि नंदू ने राजकुमार दराल के छोटे भाई की हत्या करने के निर्देश दिए थे। लेकिन पहचान में गलती होने से प्रॉपर्टी डीलर मारा गया।

Sneha Baluni हिन्दुस्तान, नई दिल्ली। हेमंत कुमार पांडेयWed, 23 April 2025 06:12 AM
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निशाने पर था छोटा भाई, गलती से प्रॉपर्टी डीलर को मार डाला; दिल्ली के पश्चिम विहार मर्डर में चौंकाने वाला खुलासा

पश्चिम विहार ईस्ट में 11 अप्रैल को प्रॉपर्टी डीलर राजकुमार दराल की हत्या में नया खुलासा हुआ है। गिरफ्तार दो हमलावरों ने बताया कि नंदू ने राजकुमार दराल के छोटे भाई की हत्या करने के निर्देश दिए थे। लेकिन पहचान में गलती होने से प्रॉपर्टी डीलर मारा गया। जांच से जुड़े पुलिस अधिकारी ने बताया कि शुभम और शौकीन खान को लखनऊ एयरपोर्ट पर 13 अप्रैल को पकड़ा गया था। फिलहाल दोनों अंबाला पुलिस की हिरासत में हैं। दोनों ने पूरी वारदात के बारे में जानकारी दी।

आरोपियों ने बताया कि उन्हें राजकुमार दराल के छोटे भाई अमर की हत्या के लिए कहा गया था। हमलावरों को अमर की एसयूवी और उसके नंबर के बारे में जानकारी दी गई थी। लेकिन 11 अप्रैल को राजकुमार दराल उस एसयूवी में जिम जाने के लिए निकला और हमलावरों ने उसे गोलियों से भून दिया।

मंजीत महाल के करीबी होने की वजह से हत्या

पुलिस अधिकारी ने बताया कि राजकुमार का भाई मंजीत महाल का करीबी बताया जा रहा है। मंजीत महाल के रिश्तेदारों की बीते साल दिसंबर में पंचकूला के पास ढाबे पर हत्या हो गई थी। इस हमले में मामा-भांजे समेत तीन लोगों की मौत हुई थी। इस मामले में मंजीत पैरोल पर जब बाहर आया था तब राजकुमार का भाई मिलने गया था।

दो आरोपी अब भी फरार

स हत्याकांड में तरनजीत और सूरज फरार हैं। पुलिस को शक है कि दोनों नेपाल सीमा की तरफ गए हैं। जांच में सामने आया कि लखनऊ में शुभम एवं शौकीन एक साथ हो गए और वह दोनों अलग होटल में छिप गए। तरनजीत व सूरज को दोनों के एयरपोर्ट पर पकड़ने की सूचना मिल गई थी। दरअसल, इन्होंने भागते समय एक फोन खरीदा था जिसका इस्तेमाल होटल के वाई फाई से जोड़कर सिग्नल ऐप से बात करना था। इन्होंने पुलिस से बचने के लिए अपना फोन भी बंद कर लिया।

हत्या के लिए बदमाशों को 7.50 लाख रुपये मिले थे

शुभम ने अपने दोस्त शौकीन के साथ मिलकर तरनजीत और सूरज को अपने साथ मिला लिया। दोनों वकालत की पढ़ाई कर रहे थे। वेंकट ने इन्हें दो बार पश्चिम विहार और द्वारका भेजा जहां एक शख्स ने उन्हें अलग-अलग किस्तों में 7.50 लाख रुपये दिए। यह रुपये मार्च के अंतिम सप्ताह और अप्रैल के प्रथम सप्ताह में दिए गए। इसके बाद वेंकट ने हथियारों का इंतजाम किया और शुभम को सिग्नल ऐप पर नजफगढ़ जाने के लिए कहा। यहां मौजूद एक शख्स ने उन्हें हथियार दिया और वह बिना परिचय दिए चला गया। वेंकट हमेशा इन लोगों के कपड़े का रंग और बाइक का मॉडल एवं नबंर बताता था। शुभम ने बताया कि इन्होंने सात अप्रैल को करोल बाग से ढाई लाख रुपये में पुरानी कार खरीदी। इसी कार का इस्तेमाल हत्या में किया गया था।

सिग्नल ऐप पर ऑस्ट्रेलिया से रची गई थी साजिश

शुभम ने बताया कि वह 2022 में हरियाणा की जेल में बंद था। तभी उसकी मुलाकात वेंकट गर्ग हुई थी जो नंदू का मित्र है। वेंकट 2023 में ऑस्ट्रेलिया चला गया। इसी ने शुभम को नंदू से मिलाने का झांसा दिया था। वेंकट सिग्नल ऐप से शुभम से बात कर साजिश रची थी।