गंगा दशहरा के दिन अयोध्या के राम मंदिर में राम दरबार समेत आठ देव विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान आज संपन्न हुआ।राम दरबार समेत आठ देव विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा के लिए खास तौर पर गंगा दशहरा का दिन चुना गया। इस दिन अभीजीत में सुबह 11:25 से 11:40 बजे तक प्राण प्रतिष्ठा की हई। गंगा दशहरा के दिन सिद्ध योग भी बन रहा है। इससे पहले दो दिन तक लगातार संस्कार और अधिवास परंपरा चली।
सुबह छह बजे से प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान शुरू हो गया। सुबह देवताओं का पूजन यज्ञमंडप में किया गया। इसके बाद प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान शुरू कर दिया गया। प्राण प्रतिष्ठा से पहले बुधवार को विभिन्न अधिवास हुए और उत्सव विग्रहों का परिसर भ्रमण कराया गया। भारत की 21 पवित्र नदियों के जल से सभी देव विग्रहों का अभिषेक हुआ।
भगवान के आभूषणों में किरीट-कुंडल व मुकुट से लेकर कंठाहार, बाजू बंद करधनी, कंगन व ब्रेसलेट के अलावा माता सीता के सभी आभूषण एवं देवी -देवताओ के स्वर्ण निर्मित आयुध भी लाए गए है। इन आयुधों में तीर-धनुष व गदा के अतिरिक्त कटार व कृपाण भी शामिल हैं।
वैदिक आचार्य के द्वारा स्थान पूजन संपन्न करने के साथ राम मंदिर के प्रथम तल पर स्थापित राम दरबार की मूर्ति का भी पूजन हुआ। विश्व में भगवान राम को चांदी से बने धनुष बाण को भी धारण कराया गया। इसके साथ ही राम मंदिर के परकोटे में स्थित श्री गणेश, शिव, हनुमान, भगवती, अन्नपूर्णा,भगवान सूर्य एवं शेषावतार के विग्रहों की भी हुई प्राण प्रतिष्ठा हुई, जिसमें सीएम योगी आदित्यनाथ ने सभी सात मंदिरों में जाकर पूजा अर्चना की ।
अयोध्या के राम मंदिर में राम दरबार में गुरुवार को सुबह प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान हुआ। प्राण प्रतिष्ठा में मूर्तियों की स्थापना के लिए विशेष पूजा, वैदिक मंत्रोच्चार और हवन समारोह किया गया।
भगवान के श्रृंगार के लिए बुधवार को राजा राम व माता सीता सहित सभी देव विग्रहों के लिए हीरा-मोती जड़ित स्वर्णाभूषणों को लाया गया। आपको बता दें कि गुजरात के दिलीप भाई ने इन सभी आभूषणों को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की सहमति के बाद रामलला को समर्पित किया है।