भूमि दोष के कारण परिवार में अशांति, आर्थिक हानि, स्वास्थ्य समस्याएं और करियर में रुकावटें जैसी परेशानियां उत्पन्न हो सकती हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार, भूमि का चयन और उसकी शुद्धता का परीक्षण भवन निर्माण से पहले करना आवश्यक है।
अगर आपके घर में बार-बार गृह क्लेश, आर्थिक तंगी या स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं, तो यह भूमि दोष का संकेत हो सकता है। इसके अलावा, यदि भूमि पूरी तरह बंजर है, जबकि आसपास का क्षेत्र हरा-भरा है, तो यह भी दोष का लक्षण है। घर में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का बार-बार खराब होना, परिवार के सदस्यों का मानसिक तनाव, या कार्यों में असफलता भी भूमि दोष के प्रभाव को दर्शाते हैं।
वास्तु शास्त्र में मिट्टी के रंग, गंध और स्वाद से भूमि की शुभता का पता लगाया जाता है। भूमि की ऊपरी परत हटाकर नीचे की मिट्टी को हाथ में लेकर उसका रंग देखें, सूंघकर गंध और चखकर स्वाद जानें। ब्राह्मणी मिट्टी: श्वेत रंग, सुगंधित और मधुर स्वाद वाली। यह आध्यात्मिक सुख देती है और बुद्धिजीवियों, धार्मिक व्यक्तियों के लिए उपयुक्त है। क्षत्रिय मिट्टी: लाल रंग, तीखी गंध और कसैले स्वाद वाली। यह प्रशासकों और अधिकारियों के लिए वर्चस्व बढ़ाने वाली है। वैश्य मिट्टी: हल्का पीला रंग, हल्की गंध और खटास वाली। यह व्यापारियों के लिए धन-धान्य प्रदान करती है। शुद्ध मिट्टी: काली, तीखी हल्की गंध और कड़वे स्वाद वाली। यह सभी के लिए शुभ मानी जाती है।
मिट्टी के रंग और गंध के अलावा, वास्तु शास्त्र में अन्य तरीकों से भी भूमि दोष की जांच की जाती है। एक प्रभावी तरीका है गड्ढा खोदकर उसमें पानी भरना। गड्ढे में पानी डालने के बाद पूर्व दिशा में 100 कदम चलें। यदि पानी भरा रहता है, तो भूमि शुभ है। अगर पानी आधा रह जाए, तो सामान्य और सुख जाए तो दोषपूर्ण।
भूमि दोष को दूर करने के लिए वास्तु शास्त्र में कई उपाय बताए गए हैं। मुख्य द्वार पर काले घोड़े की नाल लगाएं और सुबह-शाम कपूर का दीपक जलाकर घर के कोनों में दिखाएं। गंगाजल का छिड़काव भी प्रभावी है। जमीन को 1.5-2 फीट खोदकर उसकी मिट्टी को हटाने से दोष कम होता है। अगर मिट्टी की प्रकृति दोषपूर्ण हो, तो विशेषज्ञ से सलाह लें।
शुभ भूमि का चयन वास्तु शास्त्र का महत्वपूर्ण हिस्सा है। हरी-भरी भूमि, जिसमें फूलों के पौधे स्वयं उगते हों और श्वेत, पीली या काली मिट्टी हो, शुभ मानी जाती है। कांटेदार पेड़ों, गड्ढों या खंडहरों वाली भूमि से बचें।
यह कंटेंट सामान्य जानकारी और लोक मान्यताओं पर आधारित है। भूमि दोष के संकेत दिखने पर विशेषज्ञ से उचित सलाह जरूर लें।