वास्तु शास्त्र के अनुसार, उत्तर मुखी मकान को शुभ माना गया है। मान्यता है कि यह धन, सुख-समृद्धि व संपन्नता के साथ सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है। उत्तर दिशा को धन के देवता भगवान कुबेर की दिशा माना गया है। इसलिए उत्तर दिशा को धन व संपन्नता से जुड़ा माना गया है। जानें वास्तु एक्सपर्ट मुकुल रस्तोगी से उत्तर मुखी घर क्यों शुभ होते हैं और उत्तर मुखी घर की शुभता के लिए क्या उपाय करने चाहिए।
वास्तु के अनुसार, जब घर से बाहर निकलते हुए हमारा मुख उत्तर दिशा की ओर होता है तो वह मकान उत्तर दिशा का होता है। यह कुबेरजी की दिशा मानी जाती है और धन को आकर्षित करती है। बैंकिंग तथा वित्त से जुड़े कार्य करने वालों के लिए यह घर अच्छे होते हैं।
वास्तु के अनुसार, अगर उत्तर दिशा को साफ-सुथरा रखते हैं, वहां हरे पौधे रखते हैं तो जीवन में बहुत नए अवसर मिलते हैं। उत्तर दिशा से और ज्यादा शुभ परिणाम प्राप्त करने के लिए वहां पर एक पीतल की गदा लगाएं।
वास्तु के अनुसार, उत्तर मुखी घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाहित होती रहती है, जिससे घर का वातावरण सकारात्मक व सुखद रहता है। उत्तर मुखी मकान में रहने वाले लोगों को मानसिक शांति के साथ शारीरिक स्वास्थ्य में भी लाभ मिलता है।
वास्तु के अनुसार, उत्तर मुखी मकान में पूरे दिन सूर्य की भरपूर रोशनी रहती है, जो कि घर के जरूरी है। कहा जाता है कि घर में सूर्य की रोशनी का प्रवेश शुभ माना गया है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है। इससे जीवन में आर्थिक उन्नति व करियर में सफलता मिलती है।
माना जाता है कि उत्तर दिशा वाला घर भी समृद्धि और संपन्नता को आकर्षित करता है। उत्तर दिशा से बहने वाली सकारात्मक ऊर्जा आर्थिक उन्नति को बढ़ाती है और जीवन के कई पहलुओं में सफलता के अवसर लाती है।