life imprisonment to notorious mafia chandan singh for murder in broad daylight on diwali in gorakhpur कुख्यात चंदन सिंह को जेल में ही काटनी होगी पूरी उम्र, दिवाली के दिन सरेआम गोली मारकर की थी हत्या, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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कुख्यात चंदन सिंह को जेल में ही काटनी होगी पूरी उम्र, दिवाली के दिन सरेआम गोली मारकर की थी हत्या

कुख्यात चंदन सिंह पर 45 मुकदमे दर्ज हैं। इसमें हत्या के 6 और हत्या के प्रयास के 8 मुकदमों के अलावा बाकी लूट और रंगदारी के केस हैं। इसमें से कुछ में वह सजा भी पा चुका है। 13 नवम्बर 2012 को दिवाली के दिन उसने संतोष सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी।

Ajay Singh संवाददाता, गोरखपुरSat, 14 June 2025 06:07 AM
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कुख्यात चंदन सिंह को जेल में ही काटनी होगी पूरी उम्र, दिवाली के दिन सरेआम गोली मारकर की थी हत्या

गोरखपुर के डोहरिया बाजार में दिवाली के दिन सरेआम गोली मारकर हत्या करने के मामले में कुख्यात देवकी नंदन उर्फ चंदन सिंह को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा के साथ ही 52 हजार रुपये अर्थदंड लगाया है। अर्थदंड न भरने पर 162 दिन की सजा अलग से भुगतनी होगी। चंदन वर्तमान में गौतमबुद्धनगर जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है।

अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता धर्मेंद्र दूबे एवं अतुल शुक्ल ने बताया कि 13 नवम्बर 2012 को दिवाली के दिन दोपहर बाद करीब 3 बजे संतोष सिंह अपने भतीजे वादी मुकदमा मुकेश सिंह के साथ मिठाई खरीदने आए थे। मुख्य चौराहे पर ही पुरानी रंजिश को लेकर चिलुआताल थाने के कुशहरा निवासी चंदन सिंह ने संतोष सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी। अपर सत्र न्यायाधीश अवनीश कुमार राय की कोर्ट ने चंदन को दोषी मानते हुए यह सजा सुनाई है।

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रंगदारी के लिए ले ली थी तीन बेगुनाहों की जान

व्यापारी तारक जायसवाल ने रंगदारी का विरोध किया तो चंदन ने भगत चौराहे के पास उनकी दुकान पर साथियों से गोली चलवाई थी। दूसरी दुकान पर फायरिंग कर दो बदमाशों ने टेम्पो चालक समेत दो की जान ले ली थी। उरुवा में व्यापारी की दुकान पर अधिवक्ता श्रीमंतलाल श्रीवास्तव की गोली मारकर हत्या कर दी थी।

चंदन पर छह हत्या, आठ हत्या के प्रयास सहित 45 मुकदमे हैं दर्ज

गोरखपुर के चिलुआताल के कुसहरा गांव के रहने वाले कुख्यात चंदन सिंह पर 45 मुकदमे दर्ज हैं। इसमें हत्या के छह और हत्या के प्रयास के आठ मुकदमों के अलावा बाकी लूट और रंगदारी के केस हैं। इसमें से कुछ में वह सजा भी पा चुका है।

चंदन ने गांव में मनबढ़ई से अपराध की शुरुआत की और वर्ष 2006 में गांव के ही दुकानदार प्रेम सागर सिंह की हत्या कर सुर्खियों में आया। पोल लगाने को लेकर मामूली विवाद में उस पर प्रेम सागर की हत्या का आरोप था। प्रेम सागर सिंह डोहरिया में कॉपी-किताब की दुकान चलाते थे। इस घटना के बाद से चंदन जरायम की दुनिया में आगे बढ़ता चला गया गया। छह साल बाद 13 नवम्बर 2012 में दीवाली के दिन उसने डोहरिया बाजार में सरेआम संतोष सिंह की हत्या कर दी थी। इसके बाद अपराध में उसकी तूती बोलने लगी। संतोष के भतीजे मुकेश और भाई विजय सिंह ने चंदन के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ी। हत्या में सजा मिलने के डर से चंदन ने विजय सिंह को काफी धमकी भी दी थी। लेकिन उस धमकी से वह टूटे नहीं।

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इंजीनियर और ठेकेदार से रंगदारी में मिल चुकी है सजा

सिंचाई विभाग के इंजीनियर भानु प्रताप सिंह से रंगदारी और धमकी के मामले में दोष सिद्ध होने पर कोर्ट ने अक्तूबर 2023 में चन्दन सिंह को 6 वर्ष की सजा सुनाई थी। 2015 में शाहपुर थाने में चंदन पर केस दर्ज किया गया था। उसने शाहपुर के गंगा नगर में रहने वाले सिंचाई विभाग के इंजीनियर भानु प्राताप सिंह से रंगदारी मांगी थी। इंजीनियर ने पैसा देने से मना किया तो चंदन और उसके लोगों ने इंजीनियर के घर पर फायरिंग की थी। वहीं सिविल लाइंस निवासी ठेकेदार विनोद सिंह से चंदन ने रंगदारी मांगी थी। इस मामले में नवम्बर 2024 उसे सात साल की सजा हुई थी।

दो बार पुलिस कस्टडी से चकमा देकर फरार हो चुका है

चंदन दो बार पुलिस को चकमा देकर भाग भी चुका है। 14 अगस्त 2013 को संतकबीरनगर कोर्ट में पेशी से ट्रेन से मऊ लौटते समय देवरिया में ट्रेन से कूद कर भागा था और बाराबंकी-लखनऊ में अपना नया ठिकाना बनाया था। 18 अगस्त 2014 को बाराबंकी पुलिस ने चंदन को दबोच लिया। इसके बाद उसे बाराबंकी जेल भेजा गया। बाराबंकी से लखनऊ फिर बदायूं जेल ट्रांसफर किया गया था। 31 मई 2016 को आगरा के एक अस्पताल से पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था।

रंगदारी वसूलने को ले ली थी तीन बेगुनाहों की जान

व्यापारी तारक जायसवाल ने उसकी रंगदारी का विरोध किया तो उसने उन्हें धमकाने के लिए भगत चौराहे के पास स्थित उनकी बिल्डिंग मटेरियल की दुकान पर अपने साथी गुड्डू कटाई और विजयी को भेज कर फायरिंग कराई थी। तारक की दुकान की जगह दूसरी दुकान पर फायरिंग कर दोनों बदमाशों ने टेम्पो चालक सहित दो लोगों की जान ले ली थी। वहीं उरुवा में एक व्यापारी ने रंगदारी देने से मना किया तो चंदन के गुर्गों ने वहां भी फायरिंग कराई जिसमें दुकान पर खड़े अधिवक्ता श्रीमंतलाल श्रीवास्तव को गोली लगी थी और उनकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी।

डी-9 गैंग का लीडर है, भाई समेत 18 सदस्य हैं गैंग में

देवकी नंदन उर्फ चंदन सिंह का पुलिस ने गैंग चार्ट खोला है। उसे डी-9 गैंग का सरगना बनाया गया है। उसके गैंग में भाई नंदन सिंह सहित 18 सदस्य हैं। चंदन के मुकदमों में अब एक के बाद एक कर सजा होने लगी है। अब तक चार मामलों में सजा हो चुकी है। जिसमें दो हत्या के और दो रंगदारी के केस हैं।

रंगदारी न देने वालों के यहां गुर्गे कर देते थे फायरिंग

2010 के दशक में चंदन सिंह कुख्यात था। चंदन और उसके गुर्गे रंगदारी न देने वालों के यहां फायरिंग कर देते थे। चंदन का आंतक उस समय ऐसा था कि उसने तीन डॉक्टर, कार एजेंसी मालिक, एक कोचिंग सेंटर संचालक, शहर के दो बड़े व्यापारी,नगर पंचायत के चेयरमैन सहित कई लोगों से रंगदारी मांग चुका था।

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