योगी सरकार का यूपी को चमकाने का प्लान, 17 शहरों के लिए 1.29 लाख करोड़; होंगे ये काम
इस योजना में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और शहरी जीवन की गुणवत्ता को ऊपर उठाने पर विशेष जोर है। शहरी क्षेत्रों में एकीकृत सड़क नेटवर्क के विकास पर विशेष फोकस योगी सरकार के रोडमैप का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा शहरी क्षेत्रों में एकीकृत सड़क नेटवर्क का विकास है,

उत्तर प्रदेश सरकार ने शहरी क्षेत्रों के कायाकल्प के लिए 2026 से 2031 तक 1.29 लाख करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी योजना तैयार की है, जो शहरों को आधुनिक, सड़क, स्वच्छ, सुरक्षित और पर्यावरण-अनुकूल बनाने का एक भव्य विजन प्रस्तुत करती है।
केंद्रीय वित्त आयोग के समक्ष योगी सरकार ने प्रदेश में 2026 से 2031 तक किये जाने वाले विकास कार्यों का रोडमैप प्रस्तुत किया है। इस योजना में न केवल बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और शहरी जीवन की गुणवत्ता को ऊपर उठाने पर विशेष जोर है। शहरी क्षेत्रों में एकीकृत सड़क नेटवर्क के विकास पर विशेष फोकस योगी सरकार के रोडमैप का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा शहरी क्षेत्रों में एकीकृत सड़क नेटवर्क का विकास है, जिसके लिए रुपए 30,000 करोड़ का निवेश प्रस्तावित है। यह परियोजना शहरों के भीतर यातायात को सुगम बनाएगी और शहरी व उप-शहरी क्षेत्रों को आपस में जोड़कर आर्थिक गतिविधियों को नई गति देगी।
इसके साथ ही, रुपए 27,500 करोड़ की स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज योजना शहरी बाढ़ को रोकने और जल प्रबंधन को बेहतर बनाने में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी।
स्वच्छता और स्वास्थ्य के लिए रुपए 15,000 करोड़ की सीवरेज और सेप्टेज प्रबंधन परियोजना, साथ ही इसके संचालन और रखरखाव के लिए रुपए 5,387 करोड़, शहरों को स्वच्छ और स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। पेयजल आपूर्ति के लिए रुपए 9,900 करोड़ और रखरखाव के लिए रुपए 8,286 करोड़ की योजनाएं हर घर तक जल की पहुंच सुनिश्चित करेंगी।
योजना में हरियाली, बागवानी,इलेक्ट्रिक श्मशान घाट
प्रदेश को पर्यावरण संरक्षण में मॉडल राज्य बनाने का लक्ष्य पर्यावरणीय स्थिरता के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता के लिए इस योजना में रुपए 1,265 करोड़ की शहरी हरियाली और बागवानी परियोजनाएं और रुपए 990 करोड़ की इलेक्ट्रिक श्मशान घाट योजनाएं शामिल हैं। ये पहल शहरों को हरा-भरा और पर्यावरण के अनुकूल बनाएंगी, साथ ही प्रदूषण को कम करने में मदद करेंगी। इसके अलावा 17 नगर निगमों और 3 एनसीआर शहरों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए रुपए 3,120 करोड़ का निवेश शहरी नागरिकों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने वाला साबित होगा।