हिंदी सिनेमा में अक्सर देखा जाता है कि एक बार जो एक्टर किसी एक रोल में अगर फिट हो गया तो उसे वही रोल बार-बार ऑफर होता है। लेकिन इंडस्ट्री में एक ऐसे एक्टर भी रहे हैं, जिन्होंने एक या दो नहीं, बल्कि 300 फिल्मों में जज की भूमिका निभाई।
1940 से 1990 के दशक की हर दूसरी या तीसरी फिल्म में आपने इन्हें अपराधी को उम्र कैद या फांसी की सजा सुनाते जरूर देखा होगा। अब तो पहचान ही गए होंगे आप। अगर नहीं तो चलिए हम बताते हैं आपको कौन हैं वो?
हम जिस वेटरन एक्टर की बात कर रहे हैं वो कोई और नहीं बल्कि हामिद अली मुराद है। हामिद एक जाने माने एक्टर रहे हैं।
हामिद ने अपने करियर में करीब 500 फिल्में की हैं, जिनमें से 300 फिल्मों में वो जज के रोल में थे। इसके अलावा उन्होंने फिल्मों में पुलिस कमिश्नर या सम्राट जैसे रोल भी निभाए।
हामिद मुराद अंदाज, आन, देवदास, मुगल-ए-आजम, यादों की बारात, मजबूर, कालिया और शहंशाह जैसी कई हिट फिल्मों में दिखाई दिए। हालांकि, उन्हें हमेशा अपनी सभी फिल्मों में सपोर्टिंग एक्टर के रोल मिलने का अफसोस रहा।
हामिद कभी भी लीड रोल में नजर नहीं आए। वो आखिरी बार साल 1990 में रिलीज हुई फिल्म प्यार के नाम कुर्बान में नजर आए थे।
आपको शायद ही ये बात पता हो कि हामिद अली मुराद, बॉलीवुड के जाने माने विलेन रजा मुराद के पिता हैं। रजा ज्यादातर फिल्मों में विलेन के रोल में ही नजर आए हैं।