बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट मराठी फिल्मों में कदम रखने वाली रीमा पढ़ने-लिखने में होशियार थीं। थिएटर के साथ यूनियन बैंक में नौकरी भी करती थीं। इसी दौरान एक्ट्रेस की मुलाकात विवेक लागू से हुई। दोनों का थिएटर और एक्टिंग से लगाव था ऐसे में इनके बीच दोस्ती होने में वक्त नहीं लगा। ये दोस्ती प्यार में बदल गई और दोनों ने दो साल बाद 1978 में शादी कर ली।
विवेक लागू के साथ शादी के बाद नयन भडभड़े ने अपना नाम बदल कर रीमा लागू रख लिया। इस नाम से एक्ट्रेस को जबरदस्त पॉपुलैरिटी मिली। और हिंदी फिल्मों का रास्ता खुल गया। रीमा कई ब्लॉकबस्टर फिल्मों का हिस्सा रहीं।
शादी के बाद रीमा लागू लगातार थिएटर कर रही थी। इसी दौरान शशि कपूर की नजर उन पर पड़ी और उन्हें श्याम बेनेगल की फिल्म कलयुग में किरण का किरदार मिल गया। इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में काम किया। अपने से उम्र में बड़े एक्टर्स की मां का किरदार निभाकर अलग पहचान बनाई।
एक तरफ रीमा इंडस्ट्री में अपनी पहचान बना रही थीं, वहीं दूसरी तरफ उनके पति मराठी सिनेमा तक ही सीमित थे। इसी दौरान शादी के 10 साल बाद 1988 में एक्ट्रेस ने बेटी मृणमई लागू को जन्म दिया। बेटी के जन्म के बाद से एक्ट्रेस की शादीशुदा जिंदगी में दिक्कतें आनी शुरू हो गई।
रीमा लागू या उनके पति विवेक लागू ने कभी अपनी शादीशुदा जिंदगी में आए तूफान के बारे में बात नहीं की। दोनों शादी को खत्म कर अलग हो गए। रीमा ने अकेले ही बेटी की परवरिश की।
वैसे 80 के दशक के आखिर के कुछ सालों में रीमा लागू का नाम एक्टर शफी इनामदार के साथ जुड़ा था। हालांकि, इसके पीछे की सच्चाई है वो कभी सामने नहीं आई। लेकिन रीमा ने कभी दूसरी शादी नहीं की। ना ही उनके पति विवेक ने दूसरी शादी के बारे में विचार किया।
इतने सालों अलग रहने के बाद रीमा और विवेक साल 2014 में आए एक नाटक में साथ दिखे थे। काम के प्रति दोनों का समर्पण कुछ ऐसा था कि सालों बाद भी जब साथ काम करने का मौका मिला तो दोनों ने निजी रिश्ते की वजह से साथ काम करने से मना नहीं किया। अब रीमा लागू इस दुनिया में नहीं है।