आधार कार्ड सिर्फ पहचान पत्र ही नहीं, बल्कि कई सरकारी और निजी सेवाओं का आधार बन चुका है। लेकिन आधार की बढ़ती उपयोगिता के साथ ही नकली आधार कार्ड (Fake Aadhaar) का खतरा भी बढ़ गया है। ऐसे में जरूरी है कि आम नागरिक असली और नकली आधार कार्ड की पहचान करना सीखे। UIDAI ने आधार कार्ड की सुरक्षा बढ़ाने के लिए कई टूल और फीचर्स शुरू किए हैं, जिससे आप खुद भी फर्जी आधार कार्ड की पहचान कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि कैसे आप असली और नकली आधार में फर्क कर सकते हैं।
हर आधार कार्ड पर एक यूनिक QR कोड होता है, जिसे UIDAI ने वेरिफिकेशन के लिए डिज़ाइन किया है। UIDAI का आधिकारिक Aadhaar QR Scanner ऐप डाउनलोड करें (Google Play Store से मुफ्त उपलब्ध)। कार्ड पर छपे QR कोड को स्कैन करें। अगर कार्ड असली होगा तो आपकी पूरी जानकारी UIDAI के डेटा से मैच करेगी। नकली आधार कार्ड में QR कोड या तो काम नहीं करेगा या फिर गलत जानकारी दिखाएगा।
UIDAI की वेबसाइट (uidai.gov.in) पर आप किसी भी आधार नंबर को वेरिफाई कर सकते हैं। वेबसाइट पर जाकर “Verify Aadhaar Number” टूल पर क्लिक करें। 12 अंकों का आधार नंबर डालें और कैप्चा भरें। अगर आधार नंबर असली होगा तो "Aadhaar Number Exists" का मैसेज आएगा।
फर्जी आधार कार्ड कई बार फोटोशॉप से बनाए जाते हैं और इनमें ये गड़बड़ियां होती हैं: नाम, जन्मतिथि या पता टाइपिंग में त्रुटियां, आधार नंबर में गलत अंक या फॉर्मेट, QR कोड न होना या स्कैन न होना, कार्ड पर UIDAI का लोगो हल्का या धुंधला होना, अगर आप किसी कार्ड में ऐसी चीजें देखें, तो सतर्क हो जाएं।
UIDAI अब डिजिटल आधार (e-Aadhaar) को भी स्वीकार करता है। e-Aadhaar PDF UIDAI की वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है। यह डिजिटल साइन के साथ आता है और फर्जीवाड़े की संभावना बेहद कम होती है। अगर कोई व्यक्ति आपको आधार कार्ड दिखाता है, तो e-Aadhaar मांगे और PDF में डिजिटल साइन को चेक करें।
कभी भी किसी अनजान व्यक्ति को अपना आधार नंबर या फोटोकॉपी न दें। अगर कोई संस्था या व्यक्ति आधार कार्ड मांगे तो वेरिफिकेशन के बाद ही दें। "Masked Aadhaar" का प्रयोग करें जिसमें पूरी संख्या नहीं दिखाई देती, सिर्फ आखिरी 4 अंक दीखते हैं।