दोपहर में हिंसा शुरू हुई तो पुलिसकर्मियों ने शांत करवा दिया। शाम के समय एक बार फिर हिंसा होने लगी। उपद्रवियों ने पुलिस पर भी हमला कर दिया जिसमें करीब 34 पुलिसकर्मी घायल हो गए। वाहनों को आग लगा दी गई।
हिंसा के बाद नागपुर के कम से कम 10 इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। हिंसा हंसपुरी इलाके में हुई थी।
हिंसा को लेकर सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि जिस तरह से चुनिंदा घरों और प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया गया और पुलिस पर हमला किया गया है। इससे लगता है कि इसकी पीछे गहरी साजिश थी।
दोपहर में पुलिस ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मुख्यालय वाले महल क्षेत्र में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया। अधिकारियों ने बताया कि हिंसा देर शाम कोतवाली और गणेशपेठ तक कथित रूप से फैल गई।
घेराबंदी अभियान के दौरान पुलिस उपायुक्त निकेतन कदम गंभीर रूप से घायल हो गए जबकि दो अन्य पुलिसकर्मी भी पथराव का शिकार हुए। अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार चिटनिस पार्क से शुक्रवारी तालाब रोड हिंसा से सबसे अधिक प्रभावित हैं, जहां दंगाइयों ने कुछ चार पहिया वाहनों को आग के हवाले कर दिया।
पुलिस के अनुसार, उपद्रव देर शाम उस समय शुरू हुआ, जब बजरंग दल के सदस्यों ने महल इलाके में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के पास प्रदर्शन किया। पुलिस ने बताया कि अफवाह फैली कि आंदोलन के दौरान कुरान जलाई गई।
बजरंग दल के प्रदर्शन के वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से प्रसारित हुए, जिससे मुस्लिम समुदाय के लोगों में आक्रोश फैल गया। पुलिस ने बताया कि शिकायत के बाद, बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग महल इलाके के विभिन्न हिस्सों में इकट्ठा होने लगे।
उपद्रियों ने घरों और दुकानों में घुसकर तोड़फोड़ की और वाहनों को आग लगा दी। इसके अलावा पुलिस पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया। पुलिस ने इस मामले में 50 से ज्यादा लोगों को हिरासत मेंलिया है और 5 एफआईआर दर्ज की गई हैं।
महाराष्ट्र सरकार का कहना है कि जो लोग भी हिंसा के आरोपी हैं, कोई भी बख्शा नहीं जाएगा। वहीं विपक्ष ने बीजेपी पर निशाना साधा है। कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी अपने वादे नहीं पूरे कर पाई और इसलिए जनता का ध्यान भटकाने के लिए हिंसा भड़का रही है।