बेल पर बाहर आने वाले नशा तस्करों को जीपीएस एंक्लेट पहनाएगी पंजाब पुलिस, मूवमेंट पर रहेगी नजर
यह एंक्लेट हाथ या पैरों में पहनाया जाएगा। इससे इनकी हर मूवमेंट पर पुलिस की नजर रहेगी। अगर वह बेल खत्म होने पर रिपोर्ट नहीं करेगा तो उसे पकड़ना भी आसान हो जाएगा।

पंजाब पुलिस ने जमानत पर जेल से बाहर जाने वाले नशा तस्करों पर निगरानी के लिए पहली बार अब जीपीएस ट्रेकिंग डिवाइस का सहारा लेने की योजना बनाई है। डीजीपी गौरव यादव ने पुलिस हेडक्वार्टर में आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया कि बड़े नशा तस्कर बाहर आते ही फिर से धंधे में जुट जाते हैं। कई बार वे बेल खत्म होने के बाद जेल में वापस पहुंचते ही नहीं और विदेश भागने की फिराक में भी रहते हैं। ऐसे नशा तस्करों पर नजर रखने के लिए पुलिस उन्हें जीपीएस एंक्लेट पहनाएगी।
यह एंक्लेट हाथ या पैरों में पहनाया जाएगा। इससे इनकी हर मूवमेंट पर पुलिस की नजर रहेगी। अगर वह बेल खत्म होने पर रिपोर्ट नहीं करेगा तो उसे पकड़ना भी आसान हो जाएगा। डीजीपी ने कहा कि एंक्लेट पहनाने से पूर्व इस संबंध में अदालत से मंजूरी ली जाएगी और निजता के अधिकारों का पूरा ख्याल रखा जाएगा। ऐसा प्रयोग जम्मू-कश्मीर पुलिस ने यूएपीए एक्ट के तहत पकड़े गए 40 हार्डकोर क्रिमिनल्स पर किया था।
पुलिस ही खोल पाएगी, आरोपी ने खुद खोली तो पुलिस को जायेगा अलर्ट
डीजीपी ने बताया कि जब यह जीपीएस एंक्लेट आरोपी को पहनाया जाएगा, तो इसे बेल की समय अवधि खत्म होने के बाद पुलिस ही खोल पाएगी। अगर नशा तस्कर खुद इसे किसी भी तरह से खोलने, तोड़ने या काटने का प्रयास करता है तो इसका अलर्ट मैसेज पंजाब पुलिस की विशेष यूनिट को जाएगा। डीजीपी ने कहा कि आरोपी को एंक्लेट पहनाने की मंजूरी लेते समय उसमें स्पष्ट होगा कि अगर उसे खोलने या तोड़ने का प्रयास किया जाता है तो आरोपी की बेल रद्द मानी जाएगी और उसे पकड़कर दोबारा जेल में डाल दिया जाएगा।
बैटरी भी खुद चार्ज करनी होगी
इस जीपीएस ट्रैकिंग एंक्लेट में एक बैटरी इंस्टाल होगी। यह एक बार चार्ज होने पर 6 से 7 दिन तक काम करेगी। जिस नशा तस्कर को यह एंक्लेट पहनाया जाएगा, उसकी यह जिम्मेदारी होगी कि वह इसे चार्ज भी खुद ही करेगा। अगर आरोपी संदिग्ध गतिविधि में फिर से शामिल होता है तो उसे पकड़ना भी आसान होगा।
नशे विरुद्ध मुहिम के तहत अब तक 14,734 नशा तस्कर गिरफ्तार
पंजाब सरकार के युद्ध नशे विरुद्ध मुहिम के तहत पंजाब पुलिस ने 1 मार्च से 31 मई तक 8,344 एफआईआर दर्ज की हैं और 14,734 नशा तस्करों जिनमें 13,038 नशा तस्कर और 1696 सूचीबद्ध नशा सप्लायर शामिल हैं, को गिरफ्तार किया है। 144 नशा तस्करों की 74.27 करोड़ रुपए की गैर कानूनी ढंग के साथ हासिल की जायदादों को जब्त किया गया। नशा तस्करों की 104 गैनकानूनी संपत्तियों को तोड़ दिया गया। 48 बड़े हवाला संचालकों की गिरफ़्तारी से हवाला नेटवर्क को नष्ट किया गया। थोड़ी मात्रा में नशीले पदार्थों के साथ पकड़े गए 1121 व्यक्तियों को नशा मुक्ति और पुनर्वास के लिए भेजा गया। 5,786 नशा पीड़ितों को इलाज के लिए नशा छुड़ाओ केन्द्रों में भी ले जाया गया।
पाकिस्तान बॉर्डर पर 9 एंटी ड्रोन सिस्टम खरीदने की शुरुआत
डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि अगले 60 दिनों में नशा तस्करों के विरुद्ध कार्यवाही के लिए जिलों, खुफिया विभाग और एएनटीएफ से प्राप्त जानकारी से नशा तस्करों और सप्लायरों की नयी सूचियां तैयार की जा रही हैं। एनडीपीएस एक्ट के तहत गिरफ्तार लोगों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए एक एआई संचालित डाटाबेस तैयार किया जा रहा है। साथ ही पंजाब पुलिस ने बॉर्डर एरिया में पाकिस्तान से ड्रोन से आने वाली ड्रग्स को पकड़ने के लिए 9 एंटी ड्रोन सिस्टम खरीदने की शुरुआत कर दी है।
रिपोर्ट: मोनी देवी
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