राजस्थान बोर्ड मूल्यांकन में लापरवाही,गोपनीयता भंग पर 4 शिक्षक सस्पेंड! दो पर तीन साल की रोक
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षा उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में लापरवाही बरतने और गोपनीयता भंग करने के मामले में शिक्षा निदेशालय ने कड़ी कार्रवाई करते हुए चार शिक्षकों को निलंबित कर दिया है।

राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षा उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में लापरवाही बरतने और गोपनीयता भंग करने के मामले में शिक्षा निदेशालय ने कड़ी कार्रवाई करते हुए चार शिक्षकों को निलंबित कर दिया है। साथ ही दो शिक्षकों को आगामी तीन वर्षों तक किसी भी प्रकार के मूल्यांकन कार्य से भी वंचित कर दिया गया है। इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा निदेशक आशीष मोदी ने सोमवार देर रात आदेश जारी किए।
पहला मामला अलवर से सामने आया
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, अलवर के वरिष्ठ शिक्षक ओमप्रकाश सैनी को बोर्ड की माध्यमिक परीक्षा 2025 के गणित विषय की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य सौंपा गया था। लेकिन उन्होंने मूल्यांकन के दौरान गोपनीयता नियमों का उल्लंघन करते हुए उत्तर पुस्तिकाएं इंटर्न छात्रों के समक्ष खुली छोड़ दीं। यही नहीं, विद्यालय की हिन्दी साहित्य की व्याख्याता मीनाक्षी अरोड़ा ने उन उत्तर पुस्तिकाओं की फोटो लेकर सोशल मीडिया पर साझा कर दी, जिससे पूरे मूल्यांकन की गोपनीयता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए। दोनों शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
डीडवाना-कुचामन क्षेत्र से दूसरा मामला
इसी तरह संस्कृत विषय की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में भी गंभीर लापरवाही का मामला उजागर हुआ है। रा.उ.मा.वि., बागोट (डीडवाना-कुचामन) के वरिष्ठ शिक्षक भवरूद्दीन को मूल्यांकन कार्य सौंपा गया था, लेकिन उन्होंने यह कार्य स्वयं करने की बजाय राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, निम्बड़ी (मकराना) के शिक्षक प्रदीप कुमार शर्मा और उनके पिता की मदद से उत्तर पुस्तिकाओं की केजिंग करवाई। यह स्पष्ट रूप से परीक्षा मूल्यांकन के नियमों का उल्लंघन था।
इस गंभीर लापरवाही के चलते भवरूद्दीन और प्रदीप कुमार शर्मा को निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा, दोनों को तीन वर्ष के लिए परीक्षक कार्य से भी वंचित कर दिया गया है।
शिक्षा निदेशालय ने दिया सख्त संदेश
शिक्षा निदेशक आशीष मोदी ने साफ किया है कि परीक्षा मूल्यांकन कार्य अत्यंत संवेदनशील और गोपनीय प्रक्रिया है, जिसमें किसी भी प्रकार की चूक बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह कार्रवाई उन सभी शिक्षकों के लिए चेतावनी है, जो अपने दायित्वों को हल्के में लेते हैं। विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि परीक्षा की शुचिता से किसी भी स्थिति में समझौता नहीं किया जाएगा।
इस पूरे घटनाक्रम ने मूल्यांकन कार्य की निगरानी और पारदर्शिता पर एक बार फिर ध्यान खींचा है। बोर्ड ने संकेत दिए हैं कि भविष्य में ऐसे मामलों पर और अधिक सख्त निगरानी रखी जाएगी।
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