राजस्थान कृषि विभाग में घोटाले की बू? मंत्री मीणा के निर्देश पर 11 अधिकारी सस्पेंड
राजस्थान में नकली खाद के कारोबार पर अब सीधा वार हुआ है। प्रदेश के कृषि विभाग में शुक्रवार को एक बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई के तहत 11 अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया।

राजस्थान में नकली खाद के कारोबार पर अब सीधा वार हुआ है। प्रदेश के कृषि विभाग में शुक्रवार को एक बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई के तहत 11 अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया। ये कार्रवाई खुद कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के निर्देश पर हुई, जिसने पूरे विभाग में खलबली मचा दी है।
जानकारी के अनुसार, लंबे समय से किसानों को घटिया और नकली खाद की सप्लाई की शिकायतें मिल रही थीं। इसके पीछे विभाग के ही कुछ अधिकारियों और खाद फैक्ट्रियों के बीच सांठगांठ की बात सामने आ रही थी। सरकार ने जब इस पूरे मामले की पड़ताल करवाई, तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।
घटिया खाद बनाने में फैक्ट्री मालिकों से मिलीभगत
कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने विभागीय जांच रिपोर्ट के आधार पर 8 अधिकारियों को सस्पेंड करने का निर्देश दिया। इन पर आरोप है कि ये अधिकारी कुछ खाद-बीज फैक्ट्री मालिकों के साथ मिलकर घटिया और नकली खाद तैयार कर रहे थे, जो सीधे तौर पर किसानों की फसल और भविष्य के साथ खिलवाड़ था।
इन अधिकारियों में बंशीधर जाट, सहायक निदेशक ज्वाला प्रताप सिंह, गोविंद सिंह, मुकेश चौधरी, कृषि अधिकारी राजवीर ओला, सौरभ गर्ग, मुकेश माली और कैलाश चंद्र शामिल हैं। इन सभी पर घटिया खाद-बीज तैयार कर किसानों तक पहुंचाने का आरोप है।
निरीक्षण में लापरवाही पर भी गिरी गाज
सिर्फ मिलीभगत ही नहीं, बल्कि निरीक्षण में लापरवाही बरतने वालों पर भी सरकार ने कोई नरमी नहीं दिखाई। अवैध भंडारण की सूचना मिलने के बावजूद मौके पर समय पर न पहुंचने वाले तीन अधिकारियों—सहायक निदेशक लोकेंद्र सिंह, कृषि अधिकारी सुनील बड़िया और प्रेम सिंह—को भी तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।
जयपुर मुख्यालय में रिपोर्ट करने का आदेश
सभी निलंबित अधिकारियों को अब जयपुर स्थित कृषि मुख्यालय में रिपोर्ट करने का आदेश दिया गया है। निलंबन की अवधि में नियमानुसार इन्हें जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाएगा। लेकिन यह स्पष्ट कर दिया गया है कि किसी भी स्तर पर लापरवाही या भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
विभाग में मचा हड़कंप, कार्रवाई से अफसरों में खौफ
इस कार्रवाई के बाद कृषि विभाग के बाकी अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है। माना जा रहा है कि यह कार्रवाई आगे और गहराई तक जाएगी और जो भी अधिकारी या कर्मचारी किसानों के साथ धोखा करता पाया जाएगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा।
कृषि मंत्री मीणा ने साफ संकेत दिए हैं कि प्रदेश में कृषि सुधार की राह में जो भी भ्रष्टाचार रोड़ा बनेगा, उसे सख्ती से हटाया जाएगा। किसानों को गुणवत्तापूर्ण खाद और बीज उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, और इस दिशा में कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
अब सवाल ये है कि क्या ये कार्रवाई नकली खाद के पूरे रैकेट का अंत होगी या केवल एक शुरुआत?
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