कौन थे उदयपुर के निवासी जिनका अहमदाबाद प्लेन क्रैश में हो गया निधन... जानें पूरी डिटेल्स
एक दर्दनाक हादसे ने उदयपुर के एक परिवार को हमेशा के लिए खामोश कर दिया। बुधवार सुबह अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 क्रैश हो गई

एक दर्दनाक हादसे ने उदयपुर के एक परिवार को हमेशा के लिए खामोश कर दिया। अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 क्रैश हो गई। हादसे में उदयपुर के पेसिफिक अस्पताल से जुड़ा एक जाना-पहचाना नाम—डॉ. प्रतीक जोशी—अपने पूरे परिवार के साथ इस दुनिया को अलविदा कह गया।
डॉ. जोशी कभी उदयपुर के पेसिफिक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (PIMS) उमरड़ा में अपनी सेवाएं दे चुके थे। कुछ समय पहले ही उन्होंने हॉस्पिटल से इस्तीफा देकर लंदन शिफ्ट होने का निर्णय लिया था। उनकी पत्नी डॉ. कौनी व्यास भी डॉक्टर हैं और लंदन में नई शुरुआत करने की तैयारी में थीं। उनके साथ उनके तीन मासूम बच्चे—मिराया, प्रद्युत और नकुल—भी सफर में थे। बच्चों की उम्र बेहद कम थी—इनमें दो जुड़वां बेटे थे और एक बेटी।
लंदन के सपनों के साथ शुरू किया था नया सफर
परिजनों ने बताया कि कौनी और प्रतीक जोशी बीते दो महीनों से बांसवाड़ा में रह रहे थे। बच्चों के वीजा में देरी के कारण वे अब तक उन्हें लंदन नहीं ले जा सके थे। जैसे ही बच्चों के वीजा तैयार हुए, पूरा परिवार लंदन रवाना हुआ—लेकिन किसे पता था कि ये उड़ान उनके जीवन की आखिरी उड़ान होगी।
सुबह जैसे ही फ्लाइट ने अहमदाबाद एयरपोर्ट से टेकऑफ किया, कुछ ही पलों में वह तकनीकी खराबी के चलते धराशायी हो गई। जलती हुई फ्लाइट के मलबे से निकली तस्वीरों ने देशभर को झकझोर दिया, लेकिन उदयपुर और राजसमंद के नाथद्वारा क्षेत्र में मातम की लहर दौड़ गई।
अंतिम मुलाकात बन गई यादगार
पेसिफिक हॉस्पिटल के चेयरमैन आशीष अग्रवाल ने कहा, “डॉ. कौनी दो दिन पहले ही अस्पताल आई थीं। उन्होंने पूरे स्टाफ से मिलकर लंदन जाने की जानकारी दी थी। उनके चेहरे पर नई जिंदगी शुरू करने की खुशी झलक रही थी। किसी ने नहीं सोचा था कि वो आखिरी बार मिल रही हैं।”
अस्पताल स्टाफ और जोशी परिवार को जानने वाले हर शख्स की आंखें नम हैं। जोशी दंपती पेशे से डॉक्टर थे, लेकिन अपने शांत स्वभाव और व्यवहार से उन्होंने दिलों में जगह बनाई थी।
प्रशासन भी सक्रिय,
हादसे की सूचना मिलते ही राजसमंद कलेक्टर डॉ. इंद्रजीत यादव और एसपी हर्षवर्धन अगरवाला ने पीड़ित परिवार से संपर्क किया। वे लगातार परिजनों से बातचीत कर रहे हैं और आगे की प्रक्रिया में हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है।
नाथद्वारा में पसरा मातम,
राजसमंद जिले के नाथद्वारा कस्बे के रहने वाले इस परिवार के अचानक निधन की खबर से पूरे इलाके में शोक की लहर है। सोशल मीडिया पर डॉक्टर जोशी दंपती और उनके बच्चों को श्रद्धांजलि देने वालों की बाढ़ सी आ गई है। हर कोई यही कह रहा है—"लंदन के सपनों के साथ उड़ान भरने वाले इस परिवार को किस्मत ने बेवक्त जमींदोज कर दिया।"
अब सिर्फ यादें बचीं हैं…
एक साथ पांच जानें जाना सिर्फ एक आंकड़ा नहीं है। ये एक सपना था—जो अधूरा रह गया। एक परिवार था—जो बिखर गया। और कुछ मासूम मुस्कानें थीं—जो अब कभी किसी को नहीं दिखाई देंगी।
उदयपुर आज सिर्फ एक हादसे का शिकार नहीं हुआ, उसने अपनी एक होनहार पीढ़ी खो दी।
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