गुजरात ने नेता खोया, राजस्थान की बहू ने पिता… अब सिर्फ यादों में विजय रुपाणी
अहमदाबाद से लंदन जा रहे एयर इंडिया के विमान हादसे ने देशभर को ग़मगीन कर दिया है, लेकिन यह दर्द राजस्थान के झुंझुनूं जिले के नवलगढ़ कस्बे के लिए कुछ ज़्यादा ही निजी और गहरा हो गया है।

अहमदाबाद से लंदन जा रहे एयर इंडिया के विमान हादसे ने देशभर को ग़मगीन कर दिया है, लेकिन यह दर्द राजस्थान के झुंझुनूं जिले के नवलगढ़ कस्बे के लिए कुछ ज़्यादा ही निजी और गहरा हो गया है। इस हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी की भी मौत हो गई। वे अपनी इकलौती बेटी राधिका से मिलने लंदन जा रहे थे। लेकिन बेटी से मिलने की वो हसरत अब कभी पूरी नहीं हो पाएगी।
विजय रुपाणी की बेटी राधिका रुपाणी मिश्रा नवलगढ़ की बहू हैं। उन्होंने नवलगढ़ निवासी चार्टर्ड अकाउंटेंट नीमित मिश्रा से विवाह किया था। शादी के बाद दोनों लंदन शिफ्ट हो गए थे और वहीं से अपना करियर और जीवन आगे बढ़ा रहे थे। राधिका खुद भी चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं और उन्होंने वहां एक फूड और लाइफस्टाइल ब्रांड की शुरुआत की है, जो लंदन में खासा लोकप्रिय है।
भारतीय संस्कृति की वह सशक्त प्रतिनिधि बनीं और लंदन के कई प्रतिष्ठित आयोजनों में भारत का नाम रोशन किया। लेकिन अब उस चमकती दुनिया में एक गहरा अंधेरा उतर आया है।
हादसे की खबर सामने आते ही नवलगढ़ के मंडी गेट स्थित मिश्रा परिवार का घर मातम में डूब गया। हर किसी की आंखें नम हैं और एक ही सवाल सबके ज़ेहन में घूम रहा है— क्या एक बेटी से मिलने जा रहे पिता की किस्मत इतनी बेरहम हो सकती है?
राधिका के ससुराल के करीबी महेश मिश्रा बताते हैं कि नीमित के दादा बाबूलाल मिश्रा करीब 60 साल पहले नौकरी के सिलसिले में अहमदाबाद चले गए थे और वहीं परिवार बस गया। अरविंद मिश्रा ने अपने पिता के साथ वहीं काम संभाला और उनका बेटा नीमित अब लंदन में सेटल है। नीमित और राधिका की शादी के बाद यह रिश्ता झुंझुनूं और गुजरात को जोड़ता रहा, लेकिन इस हादसे ने इस रिश्ते में एक स्थायी शोक की लकीर खींच दी है।
बताया जा रहा है कि विजय रुपाणी पहले 10 जून को ही लंदन के लिए रवाना होने वाले थे, लेकिन पार्टी के कार्यक्रमों के चलते उन्होंने यात्रा टाल दी थी। उनकी पत्नी पहले से ही लंदन में मौजूद थीं। लेकिन जब वह रवाना हुए तो किस्मत ने एक क्रूर खेल खेला।
यह विमान हादसा सिर्फ एक तकनीकी दुर्घटना नहीं रहा, बल्कि अनगिनत सपनों, रिश्तों और जीवन की उम्मीदों का अंत बन गया। हादसे में अब तक 265 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें राजस्थान के भी 12 लोग शामिल हैं।
इस दर्दनाक हादसे ने नवलगढ़ की बहू राधिका के जीवन में एक ऐसा घाव छोड़ दिया है, जो शायद कभी नहीं भर सकेगा। एक पिता, जो बेटी से मिलने का सपना लेकर निकले थे, अब सिर्फ यादों में रह जाएंगे। बेटी की आंखें अब भी शायद दरवाज़े की ओर लगी होंगी — मानो कह रही हों — “पापा... अब तो आ जाइए...”
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