गूगल का अगले सीईओ के बारे में सुंदर पिचाई ने बड़ी जानकारी दी है। एक टेक कॉन्फ्रेंस में पिचाई ने कहा कि AI गूगल के भविष्य के नेतृत्व में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। पिचाई के अनुसार गूगल को जो भी चलाएगा, उसके पास एक शानदार एआई साथी होगा।
AI अगले 5 साल में ड्राइवर्स और कोडर्स समेत 8 नौकरियों को खत्म कर सकता है। नई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि AI टूल्स का इस्तेमाल नौकरियों पर संकट मंडरा रहा है। यह समय है कि हम टेक्नोलॉजी के इस बदलाव को समझें और इसके साथ तालमेल बिठाने की तैयारी करें:
फिलहाल दुनिया की आबादी 8 अरब है और वर्ष 2300 में यह संख्या तेजी से कम होते हुए महज 10 करोड़ ही रह जाएगी। उनसे इतर भी कई शोधों में यह कहा जा चुका है कि वर्ष 2100 तक दुनिया की आबादी में तेज गिरावट देखने को मिलेगी। वर्ष 2050 के बाद से स्थिरता की स्थिति होगी और फिर अगले 50 सालों में इसमें कमी आने लगेगी।
इस परियोजना का विकास रैकबैंक डेटा सेंटर्स प्राइवेट लिमिटेड कर रही है,जिसमें करीब 1000 करोड़ का निवेश होगा। यह एसईजेड लगभग 6 एकड़ क्षेत्र में तैयार होगा और इसमें आधुनिक तकनीक से लैस 1.5 लाख वर्ग फीट का डेटा सेंटर तैयार होगा।
कैसा होगा अगर AI इंसानों की बात मानने से इनकार कर दे? अपनी तरह का ऐसा ही पहला मामला OpenAI की ओर से डिवेलप किए गए मॉडल की ओर से लिए गए फैसले के दौरान सामने आया है। AI मॉडल ने इंसानी कमांड मानने से इनकार कर दिया।
ढेरों कमाल के AI टूल्स की मदद से आप घर बैठे कमाई कर सकते हैं और ये काम आसान कर रहे हैं। हम इन टूल्स की जानकारी दे रहे हैं और कमाई के आसान तरीके भी बता रहे हैं।
पड़ोसी देश चीन की टेक कंपनी Baidu एक खास AI टूल पर काम कर रही है। इसकी मदद से इंसान जानवरों की बातें और व्यवहार समझ पाएगा। फिलहाल यह शुरुआती चरण में है लेकिन इससे जुड़ी कई संभावनाएं हैं।
IIT अहमदाबाद स्टूडेंट की ओर से ChatGPT का इस्तेमाल एक प्रोजेक्ट तैयार करने के लिए किए जाने का मामला सामने आया है। कमाल की बात यह है कि इस प्रोजेक्ट के लिए उसे A+ ग्रेड दिया गया है।
सरकार ने पहले स्वदेशी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लार्ज लैंग्वेज मॉडल को बनाने के लिए बेंगलुरु के स्टार्ट-अप सर्वम को चुना है। यह मॉडल तर्क करने में सक्षम होगा, आवाज के लिए डिजाइन किया जाएगा और इंडियन लैंग्वेज में फ्लूएंट होगा।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि वे समय-समय पर संवेदनशील इलाकों की अतिरिक्त निगरानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करते हैं,लेकिन अब वे यह देखने के लिए भी ड्रोन का इस्तेमाल करेंगे कि कहीं कोई अपनी रिहायशी या व्यावसायिक इमारत को तय सीमा से ज्यादा तो नहीं बना रहा है।