ईरान की सरकार हिजाब को लेकर काफी सख्त रहती है। यहां तक कि हिजाब के चक्कर में मानवाधिकार का भी ध्यान नहीं दिया जाता। अब सख्ती से हिजाब नियमों को लागू करने के लिए उन्नत तकनीक का सहारा लिया जा रहा है।
जौनपुर के बाद मुरादाबाद में हिजाब को लेकर हंगामा हुआ है। भोजपुर क्षेत्र के एक परीक्षा केंद्र पर छात्राओं ने हिसाब उतरवाने पर विरोध जताया। छात्राओं ने यहां तक कह दिया कि भले ही साल खराब हो जाए हिजाब नहीं उतारेंगे।
यूपी के जौनपुर में हिजाब उतारने के लिए कहने पर छात्राओं ने दसवीं की परीक्षा ही छोड़ दी है। सोमवार को पहली पाली में हिंदी का पेपर था। छात्राओं ने आगे भी बिना हिजाब पेपर देने से इनकार किया है।
इस घटनाक्रम ने कर्नाटक सरकार को 5 फरवरी 2022 को एक आदेश जारी करने के लिए मजबूर किया, जिसमें कर्नाटक शिक्षा अधिनियम 1983 के तहत शैक्षणिक संस्थानों में धार्मिक वस्त्रों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
वीडियो में दिख रहा है कि हंगामा करने वाली महिला पुलिस की गाड़ी पर चढ़कर विंडशील्ड की ओर बढ़ते हुए और अपने दोनों पैरों को फैलाकर बैठ रही है।
ईरान पिछले कुछ दिनों पहले अपने सख्त हिजाब कानून को लेकर एक बार फिर सुर्खियों में था। ईरान के नए कानूनों में हिजाब का पहनने पर महिलाओं को मौत की सजा तक का प्रावधान है। हालांकि विवाद होने के बाद इन कानूनों पर फिलहाल रोक लगा दी गई है।
पिछले हफ्ते मशहूर गायिकापरस्तू अहमदी ने बिना हिजाब पहने यूट्यूब पर एक म्यूजिकल कन्सर्ट किया। उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर तुरंत वायरल हो गया। इससे ईरानी सरकार चिढ़ गई।
ईरान ने हिजाब को लेकर नया कानून लागू किया है जिसपर विवाद खड़ा हो गया है। नए कानूनों का किसी भी तरह से उल्लंघन हुआ तो मौत की सजा भी दी जा सकती है।
‘माशा अल्लाह लिखा नकाब पहनना शरीयत में जायज नहीं है।’ ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन बरेलवी ने प्रेस को जारी एक बयान में ये बातें कहीं।
यूपी नि्वाचन आयोग ने अफसरों को निर्देश दिया है कि पुलिस वाले किसी महिला का बुर्का हटवाकर चेहरा नहीं चेक कर सकते हैं। इसके साथ ही पुलिस वालों को किसी वोटर का पहचान पत्र भी चेक करने का अधिकार नहीं है।