Parents Protest Against Arbitrary Fee Hike in Delhi Private Schools फीस वृद्धि के विरोध में सड़कों पर उतरे अभिभावक, Delhi Hindi News - Hindustan
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फीस वृद्धि के विरोध में सड़कों पर उतरे अभिभावक

नई दिल्ली में अभिभावकों ने निजी स्कूलों में फीस वृद्धि और भेदभाव के खिलाफ प्रदर्शन किया। डीपीएस द्वारका सहित कई स्कूलों के अभिभावक जंतर-मंतर पर एकजुट हुए। उन्होंने स्कूल प्रबंधन पर उत्पीड़न और शिक्षा...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSat, 14 June 2025 06:17 PM
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फीस वृद्धि के विरोध में सड़कों पर उतरे अभिभावक

या फीस वृद्धि के विरोध में अभिभावकों का प्रदर्शन रोष नई दिल्ली, वरिष्ठ संवाददाता। राजधानी दिल्ली के निजी स्कूलों में हो रही मनमानी फीस वृद्धि और छात्रों के साथ भेदभाव के खिलाफ अभिभावकों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। शनिवार को डीपीएस द्वारका सहित कई स्कूलों के अभिभावकों ने जंतर-मंतर पर एकजुट होकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। इस विरोध प्रदर्शन को कई अभिभावक संगठनों ने समर्थन दिया। प्रदर्शनकारियों ने स्कूल प्रबंधन पर उत्पीड़न, भेदभाव और शिक्षा विभाग के आदेशों की अनदेखी करने का आरोप लगाया। अभिभावकों का कहना है कि बार-बार निर्देशों के बावजूद निजी स्कूल मनमाने तरीके से फीस बढ़ा रहे हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि विरोध करने वाले छात्रों को टारगेट किया जा रहा है। प्रदर्शन में मौजूद अभिभावक महेश मिश्रा ने कहा कि यह विरोध न्याय, पारदर्शिता और स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए है। अभिभावकों ने पोस्टर-बैनर लेकर छात्रों का उत्पीड़न बंद करो..., हमारी मांगें पूरी करो... जैसे नारे लगाए। उन्होंने सरकार से मांग की कि नियमों का उल्लंघन करने वाले स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। डीपीएस में 32 छात्र नहीं हुए बहाल प्रदर्शन में मौजूद अभिभावक अभिषेक ने दावा किया कि डीपीएस स्कूल के वकील ने अदालत में बताया था कि प्रतिबंधित 32 छात्रों को बहाल कर दिया गया है, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ है। वहीं एक अन्य अभिभावक ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट का स्पष्ट आदेश है कि किसी भी कार्रवाई से पहले छात्र या उनके अभिभावक को सूचित किया जाए, जिसमें कार्रवाई की प्रस्तावित तारीख भी हो। फीस वृद्धि बिल पर उठे सवाल अभिभावकों ने सरकार पर फीस वृद्धि रोकथाम बिल को सार्वजनिक न करने और पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी कहा कि 15 फीसदी अभिभावकों की शिकायत की शर्त अव्यावहारिक है। अभिभावकों की मांग है कि सरकार पहले इस बिल पर आम लोगों से सुझाव मांगे और विधानसभा में खुली चर्चा के बाद ही इसे पारित करे।

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