Shani Pradosh Vrat : हर महीने के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। यह शुभ दिन भगवान शिव की पूजा-उपासना के लिए समर्पित है। मान्यता है कि प्रदोष व्रत रखने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है और सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है।
Aaj ka panchang 24 may 2025 : आज शनि प्रदोष व्रत है। आज के दिन भगवान शंकर की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। शुभ मुहूर्त में पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
हिंदू धर्म में भगवान भोलेनाथ की पूजा-आराधना के लिए प्रदोष व्रत का दिन बेहद खास माना जाता है। प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। शनिवार के दिन पड़ने के कारण इसे शनि प्रदोष व्रत कहा जाएगा।
Shani Pradosh Vrat : हर माह में दो बार प्रदोष व्रत पड़ता है। एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष का प्रदोष व्रत 24 मई, शनिवार को पड़ रहा है। शनिवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को शनि प्रदोष व्रत कहा जाता है।
May Last Pradosh Vrat 2025: प्रदोष व्रत देवों के देव महादेव भगवान शंकर को समर्पित है। इस दिन भगवान शिव की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है। जानें मई महीने का आखिरी प्रदोष व्रत कब है-
May-June festivals 2025 Date : जेठ का महीना कुछ व्रत-त्योहारों के लिए खास माना जाता है। इस महीने अपरा एकादशी व निर्जला एकादशी व्रत, गंगा दशहरा, वट सावित्री व्रत सहित कुछ प्रमुख व्रत और त्योहार मनाए जाएंगे।
Shani Pradosh Vrat Date: शनि प्रदोष व्रत के दिन बेहद शुभ योगों का निर्माण हो रहा है, जो इस दिन को खास बना रहे हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन कुछ उपाय करने से शनि देव की साढ़ेसाती व ढैय्या के बुरे प्रभावों को भी कम किया जा सकता है।
Shukra Pradosh Vrat : प्रदोष व्रत पर विधि-विधान से भगवान शंकर की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है।
Panchang Today : हिन्दू पंचांग का उपयोग प्राचीन काल से होता आ रहा है। पंचांग शब्द का अर्थ है , पांच अंगो वाला। पंचांग में समय गणना के पांच अंग हैं- वार, तिथि, नक्षत्र, योग और करण। आइए जानते हैं आज के शुभ, अशुभ मुहूर्त…
Shukra pradosh vrat katha: हिंदू धर्म में हर महीने दो प्रदोष व्रत रखे जाते हैं। प्रदोष व्रत हर माह की शुक्ल व कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को रखा जाता है। शुक्रवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को शुक्र प्रदोष व्रत कहते हैं। यहां पढ़ें शुक्र प्रदोष व्रत कथा-