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Shani Pradosh Vrat : शनि प्रदोष व्रत कब है? नोट कर लें डेट, उपाय, पूजा-विधि

Shani Pradosh Vrat : हर माह में दो बार प्रदोष व्रत पड़ता है। एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष का प्रदोष व्रत 24 मई, शनिवार को पड़ रहा है। शनिवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को शनि प्रदोष व्रत कहा जाता है।

Yogesh Joshi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 22 May 2025 01:25 PM
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Shani Pradosh Vrat : शनि प्रदोष व्रत कब है? नोट कर लें डेट, उपाय, पूजा-विधि

Shani Pradosh Vrat : हर माह में दो बार प्रदोष व्रत पड़ता है। एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष का प्रदोष व्रत 24 मई, शनिवार को पड़ रहा है। शनिवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को शनि प्रदोष व्रत कहा जाता है। हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सप्ताह के सातों दिन के प्रदोष व्रत का अपना विशेष महत्व होता है। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव शंकर की विधिपूर्वक पूजा करते हैं। यह पूजा शाम के समय में प्रदोष मुहूर्त में करते हैं। त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है।

मुहूर्त-

त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ - मई 24, 2025 को 07:20 पी एम बजे

त्रयोदशी तिथि समाप्त - मई 25, 2025 को 03:51 पी एम बजे

प्रदोष काल - 07:10 पी एम से 09:13 पी एम

पूजाविधि-

शनि प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठें। स्नानादि के बाद स्वच्छ कपड़े धारण करें। घर के मंदिर की साफ-सफाई करें और शिव परिवार के प्रतिमा की पूजा आरंभ करें। मंदिर में घी का दीपक जलाएं। शिव-गौरी की प्रतिमा के समक्ष फल, फूल, धूप,दीप और नैवेद्य अर्पित करें। शिवमंत्रों का जाप करें। शिवजी समेत सभी देवी-देवताओं की आरती उतारें। इसके बाद शिवलिंग पर जल, बिल्वपत्र, आक के फूल समेत सभी पूजा सामग्री एकत्रित करें। इसके बाद सायंकाल प्रदोष मुहूर्त में पूजा की तैयारी करें। संभव हो, तो शाम को दोबारा स्नान करें और शिव मंदिर जाएं। शिवलिंग पर जल अर्पित करें। भगवान भोलेनाथ को बेलपत्र, आक के फूल, धतूरा, भांग, गन्ना, शहद इत्यादि चढ़ाएं। इसके बाद शनि प्रदोष व्रत की कथा सुनें। ऊँ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें। शिवजी की आरती उतारें। पूजा समाप्त होने के बाद क्षमा-प्रार्थना मांगे। इसके बाद पीपल के वृक्ष के समीप सरसों के तेल का एक दीपक जलाएं। शनिदेव की पूजा-आराधना करें। शनिदेव के मंत्रों का जाप करें।

उपाय-

शिवलिंग पर जलाभिषेक करें : शनि प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग पर जल, काला तिल और शमी का पत्ता अर्पित करें। इसके बाद शिव चालीसा का पाठ करें। मान्यता है कि ऐसा करने से शनि के अशुभ प्रभावों से राहत मिलती है।

शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाएं : शनि प्रदोष के दिन शिवलिंग पर 108 बेलपत्र अर्पित करें। इस दिन उड़द की दाल, काले जूते, वस्त्र समेत शनिदेव से संबंधित चीजों को दान करना लाभकारी माना गया है।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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