Apara Ekadashi 2025 know date puja muhurat pujan vidhi bhog mantra and vrat paran timing Ekadashi: अपरा एकादशी कल, जानें पूजन मुहूर्त, विधि, मंत्र, भोग व व्रत पारण का समय, एस्ट्रोलॉजी न्यूज़ - Hindustan
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Ekadashi: अपरा एकादशी कल, जानें पूजन मुहूर्त, विधि, मंत्र, भोग व व्रत पारण का समय

Apara Ekadashi Muhurat: भगवान विष्णु की उपासना के लिए एकादशी तिथि अत्यंत शुभ मानी गई है। मान्यता है कि एकादशी व्रत करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। जानें अपरा एकादशी पूजन मुहूर्त, विधि, मंत्र, भोग व व्रत पारण का समय-

Saumya Tiwari लाइव हिन्दुस्तानThu, 22 May 2025 02:58 PM
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Ekadashi: अपरा एकादशी कल, जानें पूजन मुहूर्त, विधि, मंत्र, भोग व व्रत पारण का समय

Apara Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। हर महीने के कृ्ष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी व्रत का महत्व अलग-अलग होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अपरा एकादशी व्रत रखा जाता है। इसे अचला एकादशी भी कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है। इस साल अपरा एकादशी 23 मई 2025, शुक्रवार को है। मान्यता है कि अपरा एकादशी व्रत करने से व्यक्ति को समस्त पापों से मुक्ति मिलती है और सभी सुखों को भोग कर अंत में बैकुंठ धाम को जाता है। जानें अपरा एकादशी पूजा मुहूर्त, विधि, भोग, मंत्र व व्रत पारण का समय-

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अपरा एकादशी पूजन मुहूर्त-

ब्रह्म मुहूर्त- 04:04 ए एम से 04:45 ए एम

अभिजित मुहूर्त- 11:51 ए एम से 12:45 पी एम

विजय मुहूर्त- 02:35 पी एम से 03:30 पी एम

गोधूलि मुहूर्त- 07:08 पी एम से 07:29 पी एम

सायाह्न सन्ध्या- 07:10 पी एम से 08:11 पी एम

अमृत काल- 11:35 ए एम से 01:04 पी एम

सर्वार्थ सिद्धि योग- 04:02 पी एम से अगले दिन सुबह 05:26 बजे तक।

अमृत सिद्धि योग- 04:02 पी एम से अगले दिन सुबह 05:26 बजे तक।

एकादशी पूजा विधि- एकादशी व्रत में सबसे पहले स्नान आदि करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। फिर भगवान विष्णु की मूर्ति या प्रतिमा को गंगाजल से अभिषेक करें। अब श्रीहरि को पुष्प, फल, दीप, धूप, चंदन,नैवेद्य व अक्षत आदि अर्पित करें। अंत में भगवान विष्णु को पंचामृत अर्पित करें। एकादशी व्रत कथा सुनें। अंत में आरती करें व भोग अर्पित करें।

भोग- एकादशी के दिन भगवान विष्णु को फल, तुलसी दल, मखाने की खीर, पंजीरी व पीली मिठाई का भोग लगाना शुभ माना गया है। मान्यता है कि ऐसा करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।

मंत्र- मान्यता है कि एकादशी व्रत के दिन भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करना लाभकारी होता है। आप एकादशी के दिन ॐ विष्णवे नमः या ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णुः प्रचोदयात् मंत्र का जाप कर सकते हैं। यह भगवान विष्णु के लोकप्रिय मंत्रों में से एक हैं।

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अपरा एकादशी व्रत पारण का समय- अपरा एकादशी व्रत का पारण 24 मई 2025, शनिवार को किया जाएगा। व्रत पारण का शुभ मुहूर्त सुबह 05 बजकर 26 मिनट से सुबह 08 बजकर 11 मिनट तक रहेगा। पारण के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय शाम 07 बजकर 20 मिनट है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार, एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि के भीतर करना अत्यंत शुभ माना गया है।

इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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