जम्मू-कश्मीर पुलिस के अनुसार, जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में स्थानीय लोगों द्वारा वन क्षेत्र के पास संदिग्ध गतिविधि की सूचना दिए जाने के बाद एक बड़ा तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।
पाकिस्तान की सेना ने दावा किया था कि सोशल मीडिया पर जनाजे में फातिहा पढ़ते शख्स को आतंकी बताना फर्जी है। वहीं अब आतंकी अब्दुर रऊफ की ऐसी डीटेल सामने आई है जो कि पाकिस्तान को बेनकाब करने वाली है।
भारत के हाथों मुंह की खाने के बाद अब पाकिस्तान सीजफायर के बाद दुनिया के सामने अपने झूठ का बखान कर रहा है। शेखी बघारते हुए पाकिस्तानी सेना के अफसर ने अपनी ही सरकार की पोल खोल दी और पुलवामा पर बड़ा कबूलनामा किया।
इस सूची में हिंदू पाकिस्तानी नागरिकों के नाम भी शामिल हैं जिनके पास दीर्घकालिक वीजा (LTV) है और उन्हें छूट दी गई है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह सूची संबंधित जिलों को सत्यापन के लिए सौंपी गई है और पाकिस्तानी नागरिकों से अपने वतन लौटने के लिए कहा गया है।
उत्तराखंड के कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश कश्मीरियों पर बरस पड़े। पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि कश्मीर के लोगों को तय करना होगा कि आप हिंदुस्तान के साथ हैं या नहीं,या तो आप इस पार हैं या आप उस पार हैं। उन्होंने कहा कि मोदी हमारे भी प्रधानमंत्री हैं,जो फैसला लेंगे हमें मंजूर होगा।
बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने आरएसएस मुख्यालय को निशाना बनाने की कोशिश के आरोपी और हेडगेवार स्मारक की टोह लेने वाले रईस अहमद शेख को जमानत देने से इनकार कर दिया है।
शिवखोड़ी वाली बस पर हमला करवाने वाला लश्कर का मोस्ट वॉन्टेड आतंकी पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में ढेर कर दिया गया है। अज्ञात हमलावरों ने उसे मौत के घाट उतार दिया।
एनआईए ने मोहम्मद अकबर डार नाम के शख्स की संपत्ति कुर्क कर ली है। डार पर आरोप है कि वह आतंकियों को पनाह देता था और उनको गोला बारूद भी मुहैया करवाता था।
मक्की की मौत की पुष्टि करते हुए जमात उद दावा ने बतान भी जारी किया है। आतंकी संगठन का कहना है कि मक्की बीते कुछ दिनों से बीमार था। उसका डायबिटीज बढ़ा हुआ था और उसे इलाज के लिए लाहौर के एक निजी अस्पताल में एडमिट कराया गया था। इसी दौरान उसे हार्ट अटैक आया और उसकी मौत हो गई।
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद से गिरफ्तार अंसार अल इस्लाम के आतंकी चिकन नेक पर निशाना साधना चाहते थे। पता चला कि उनकी पूर्वोत्तर के सात राज्यों को देश के बाकी हिस्से को जोड़ने वाले एकमात्र मार्ग को निशाना बनाने की विशेष योजना थी, जिसे सिलीगुड़ी कॉरिडोर भी कहा जाता है।