निर्माण कार्यों में धांधली पर नुकसान का 50% ठेकेदारों से होगी वसूली, यूपी सरकार ने निकायों के बढ़ाए अधिकार
यूपी सरकार ने निकायों को काम कराने के अधिकारों में बढ़ोत्तरी कर दी है। नगर पंचायतों को एक करोड़ और नगर पालिका परिषद को स्वयं से अधिकार से दो करोड़ रुपये तक काम कराने की अनुमति दी गई है।

यूपी सरकार ने निकायों को काम कराने के अधिकारों में बढ़ोत्तरी कर दी है। नगर पंचायतों को एक करोड़ और नगर पालिका परिषद को स्वयं से अधिकार से दो करोड़ रुपये तक काम कराने की अनुमति दी गई है। पहले मात्र वे 40 लाख रुपये तक का काम ही अपने स्तर से करा सकते थे। इससे अधिक के काम के लिए उच्च स्तर से अनुमति लेनी पड़ती थी। इसके साथ ही गड़बड़ी पर कुल लागत का 50 फीसदी ठेकेदार और शेष अधिकारियों से वसूला जाएगा।
प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने गुरुवार को इस संबंध में संशोधित मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी कर दिया है। कामों में गड़बड़ी होने पर वसूली की व्यवस्था भी कर दी गई है। कुल क्षति का 50 फीसदी ठेकेदार से वसूला जाएगा। शेष बचने वाली राशि में 50 फीसदी अभियंताओं से वसूला जाएगा। इसमें 35 फीसदी अवर अभियंता, 10 फीसदी सहायक और पांच फीसदी अधिशासी अभियंता से वसूला जाएगा। शेष बची राशि में 30 फीसदी अधिशासी अधिकारी और 20 फीसदी अन्य जिम्मेदारी अधिकारियों से वसूली की जाएगी।
इसके साथ ही यह भी तय कर दिया गया है कि अधिकतम 3.75 मीटर तक चौड़ी सड़कें ही टाइल्स की बनाई जाएंगी। इससे अधिक चौड़ी सड़कें सीसी और डामर से बनाए जाएंगे। इसके लिए फुल डेप्थ रेक्लमेशन तकनीक का उपयोग किया जाएगा। 3.75 मीटर से कम चौड़ी सड़क के साथ स्थलीय स्थिति व जरूरत के अनुसार केसी टाइप नाली का निर्माण और इससे अधिक चौड़ी सड़क में यथासंभव यूट-टाइप आरसीसी नाली का निर्माण लोक निर्माण विभाग के मानक के अनुसार कराया जाएगा।
निकायों द्वारा वार्डवार सड़कों की डायरी बनाई जाएगी और उसे कार्यालय में अनिवार्य रूप से रखा जाएगा, जिससे एक ही सड़क बार-बार न बनाई जा सके। निकायों द्वारा विकास के लिए एक समेकित कार्ययोजना तैयार की जाएगी, इसमें सड़क, जल निकासी, मार्ग प्रकाश आदि के सभी बिंदुओं को शामिल किया जाएगा।