सर्बिया भेजने के बहाने 9 लोगों से 90 लाख की ठगी, वीजा और टिकट निकले फर्जी
लखनऊ में वीजा दिलाने का झांसा देकर 9 लोगों से 90 लाख रुपये हड़पने का मुकदमा दर्ज हुआ है। आरोपितों ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर वर्क वीजा लगवाने का भरोसा दिया था। इसके बाद तमिलनाडु के नौ लोगों से रुपये लिए।

यूपी के लखनऊ से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां विकासनगर कोतवाली में वीजा दिलाने का झांसा देकर 9 लोगों से 90 लाख रुपये हड़पने का मुकदमा दर्ज हुआ। आरोपितों ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर वर्क वीजा लगवाने का भरोसा दिया था। इसके बाद तमिलनाडु के नौ लोगों से रुपये लिए। वीजा के साथ फ्लाइट का टिकट देने के बहाने से विकासनगर स्थित ऑफिस बुलाया था। रुपये ऐंठने के बाद आरोपित ने बुक कराए गए फ्लाइट टिकट दिए। जिन्हें लेने के बाद युवक सर्बिया जाने के लिए एयरपोर्ट जाने की तैयार कर रहे थे। तभी उन्हें टिकट रद्द कराए जाने का पता चला।
सर्बिया में मिलेगी नौकरी
तमिलनाडु पुदुक्कोटई निवासी धर्मराज के मुताबिक विदेश में नौकरी के लिए वह प्रयास कर रहे थे। सोशल मीडिया के जरिए उनका सम्पर्क विकासनगर के रहने वाले योगेश यादव से हुआ। आरोपित ने दावा किया कि वह वर्क वीजा आसानी से दिला देगा। योगेश के साथ उसका दोस्त गोकुलेश्वर बेहेरा भी था। सर्बिया के वर्क वीजा और फ्लाइट टिकट के बदले दस लाख रुपये प्रति व्यक्ति आरोपितों ने मांगे थे। धर्मराज के साथ विलेचामी, कन्नन, रामनाथन, मुथु वेंकटेश, पांडिरांजन, सरावनन, प्रभाकरन और वेरापांडी काशी ने भी वर्क वीजा के लिए योगेश से बात की।
10 लोगों से लिए थे 90 लाख
वीजा की औपचारिकता पूरी करने का दिखावा कर योगेश और गोकुलेश्वर ने धर्मराज और उसके साथियों के पासपोर्ट लिए। अप्रैल 2024 में मुलाकात के दौरान 10 लाख रुपये भी दिए गए थे। पूछने पर योगेश ने कहा कि कागज तैयार करने में इन रुपयों का इस्तेमाल होगा। धर्मराज के मुताबिक लखनऊ से तमिलनाडु पहुंचने के कुछ दिन बाद ही योगेश ने कॉल कर बताया कि वीजा आ गया है। आप बाकी के 80 लाख रुपये लेकर आ जाओ।
दिखावे के लिए बुक कराए फ्लाइट टिकट भी कराए कैंसिल
विकासनगर स्थित योगेश और गोकुलेश्वर के दफ्तर पहुंचने पर धर्मराज और उसके साथियों को वीजा दिए गए। साथ की आठ लोगों के लिए बुक कराए गए फ्लाइट टिकट भी दिए गए। पीड़ित के मुताबिक रुपये लिए थे। वहीं, फ्लाइट पकड़ने से पहले पीड़ितों को टिकट कैंसल होने का पता चला। योगेश और गोकुलेश्वर के मोबाइल नम्बर भी बंद थे। ऐसे में संदेह हुआ। आरोपितों के दिए वर्क वीजा चेक कराने पर उनके फर्जी होने का पता चला। काफी प्रयास के बाद भी योगेश और गोकुलेश्वर ने रुपये नहीं लौटाए। जिससे परेशान होकर पीड़ितों ने पुलिस कमिश्नर अमरेंद्र कुमार सेंगर से शिकायत की थी। जिनके निर्देश पर विकासनगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ।