आईआईटी छात्रा के यौन शोषण का आरोपी एसीपी मोहसिन खान निलंबित, तीन महीने बाद एक्शन
आईआईटी कानपुर की पीएचडी छात्रा के यौन शोषण का आरोपी एसीपी मोहसिन खान सस्पेंड कर दिया गया है। एफआईआर के करीब तीन महीने बाद एक्शन हुआ है। पीड़िता के डीजीपी को मेल भेजने के बाद शासन ने यह कार्रवाई की है। हाईकोर्ट से एसीपी की गिरफ्तारी और चार्जशीट स्टे मिला हुआ है।

आईआईटी कानपुर की पीएचडी छात्रा संग यौन शोषण के आरोप में फंसे एसीपी मोहसिन खान को शासन ने निलंबित कर दिया है। इस दौरान वह मुख्यालय से ही अटैच रहेंगे। छात्रा के आरोप लगाने और मुकदमा दर्ज होने के बाद एसीपी को लखनऊ स्थानांतरित कर दिया गया था। गिरफ्तारी से बचने के लिए मोहसिन हाईकोर्ट गए थे जहां से उन्हें स्टे मिला हुआ है। कार्रवाई छात्रा के डीजीपी को मेल भेजने के छह दिन के भीतर हुई है।
छह मार्च को छात्रा ने एसीपी को निलंबित करने की मांग डीजीपी से की थी। भेजे गए मेल में उसने कहा था कि 12 दिसंबर 2024 को कलक्टरगंज थाने के पूर्व एसीपी मोहम्मद मोहसिन खान के खिलाफ कल्याणपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था जिसके बाद उन्हें डीजीपी कार्यालय से अटैच कर दिया गया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। पुलिस ने न तो उन्हें निलंबित किया और न ही गिरफ्तार।
मोहसिन ने भी इसका भरपूर फायदा उठाया और हाईकोर्ट से गिरफ्तारी और चार्जशीट के खिलाफ स्टे प्राप्त कर लिया। ऐसे में पुलिस साक्ष्य होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं कर पा रही। उसने कहा था कि एक पुलिस अधिकारी होने के नाते शादीशुदा होने के बावजूद मोहसिन अवैध संबंध में लिप्त रहे जो नैतिक कदाचार का मामला है। पूर्व एसीपी पर कार्रवाई न होने से जाहिर है कि वह अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर मुकदमे को प्रभावित करने का प्रयास करेगा।
20 मार्च को हाईकोर्ट में सुनवाई
छात्रा ने बताया कि जब पुलिस ने अपनी कार्रवाई तेज की तो मोहसिन ने 19 दिसंबर 2024 को हाईकोर्ट से स्टे ले लिया। इस मामले में अब 20 मार्च को सुनवाई होनी है। उसके मुताबिक अब तक जो साक्ष्य पुलिस अधिकारियों को दिए और कोर्ट में प्रस्तुत किए, वह साफ तौर पर मोहसिन के दोषी होने की ओर इशारा कर रहे हैं। हाईकोर्ट में पक्ष रखने के लिए अधिवक्ता कर लिया है। गिरफ्तारी और चार्जशीट पर स्टे के खिलाफ अपना पक्ष रखूंगी।
देर से लिया सही निर्णय
छात्रा ने बताया कि पुलिस ने यह निर्णय काफी देर से लिया है। एसीपी का निलंबन काफी पहले ही हो जाना चाहिए था। बहरहाल देर से ही सही लेकिन सही निर्णय लिया गया। उसने कहा कि एसीपी का निलंबन तो शुरुआत भर है। अभी तो वह उन्हें सजा दिलाने तक लड़ाई लड़ेगी। छात्रा के मुताबिक अभी तक वह काफी परेशान थी लेकिन धीरे-धीरे वह इससे उबरने का प्रयास कर रही है।
अपर पुलिस आयुक्त हरीश चंदर ने कहा कि मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस कमिश्नरेट की ओर से मुख्यालय को रिपोर्ट भेजी थी। उस पर संज्ञान लेते हुए शासन ने मोहसिन खान को निलंबित कर दिया है। वह मुख्यालय से अटैच रहेंगे।