प्रशासन छूट दे, हम खुद निपट लेंगे, करणी सेना के हमले पर सपा सांसद रामजी लाल सुमन के तेवर सख्त
राणा सांगा पर टिप्पणी के बाद आगरा में अपने घर पर हुए हमले से समाजवादी पार्टी के सासंद रामजी लाल सुमन बेहद आक्रोशित हैं। शुक्रवार को अपने घर पहुंचे सुमन ने यहां तक कहा कि प्रशासन हमें छूट दे, हम खुद निपट लेंगे।

राणा सांगा विवाद में करणी सेना के हमले के बाद पहली बार आगरा स्थित अपने आवास पर आए राज्यसभा सांसद और सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामजीलाल सुमन के तेवर बेहद सख्त दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि जानलेवा हमले के बाद प्रशासन को उनके परिवार की सुरक्षा करनी चाहिए। प्रशासन की अगर कोई मजबूरी है तो हमें छूट दे दे, हम खुद निपट लेंगे। हमले के तीसरे दिन रामजीलाल सुमन दिल्ली से शुक्रवार दोपहर 3:40 बजे अपने आवास पहुंचे। घर के बाहर टूटी कुर्सियां, क्षतिग्रस्त खिड़कियों, गाड़ियों पर एक नजर मारते हुए वे सीधे आवास के अंदर चले गए। कड़ी सुरक्षा के बीच चुनिंदा समर्थकों को ही अंदर जाने दिया।
आवास के अंदर बात करते हुए सुमन ने कहा कि हमारी किसी बात से सभी इत्तेफाक करें, यह जरूरी नहीं है। जनतंत्र में सभी को अभिव्यक्ति का अधिकार है। इसके तहत धरना, प्रदर्शन, मीडिया में बयान दिए जा सकते हैं। किसी के घर पर हमला तो गुंडई, लफंगई और जंगलराज है। यह हमला किसी व्यक्ति पर या रामजीलाल सुमन पर नहीं है। ये हमला पिछड़ों, शोषितों, दलितों पर है। यह एक मनोवृत्ति है। ये वही लोग हैं, जब अखिलेश यादव ने अपना घर छोड़ा तो उसे गंगाजल से साफ कराया गया। ये वही लोग हैं, जो दलितों की बरात नहीं चढ़ने देना चाहते। हमारा पीडीए इनके खिलाफ एक चुनौती है।
आगरा में 12 अप्रैल को करणी सेना के नए एलान पर सांसद सुमन ने कहा कि उन्हें भी सोशल मीडिया के मार्फत जानकारी हुई है कि कोई फिर आने वाला है। पहले भी एलान किया गया था। हमलावर छह थाना क्षेत्रों को पार करते हुए उनके आवास तक आ गए। प्रशासन से अनुरोध है कि वह व्यवस्था करे। अगर वह मजबूर है तो हमें छूट दे, हम निपट लेंगे। पूर्व एमएलसी रणजीत सुमन, धर्मेंद्र यादव गुल्लू, अवनींद्र यादव, गौरव यादव, पवन प्रजापति साथ में थे।
सदन में नहीं रख पाए अपनी बात
प्रो. रामगोपाल, जावेद अली और वे खुद सभापति से मिले थे। प्रो. रामगोपाल ने उन्हें बताया कि वो आगरा गए थे। उनके आवास पर होकर आए हैं। इधर, सदन में भी इस मुद्दे पर बात चल रही थी। परंपरा है कि जब कोई सांसद किसी दूसरे सांसद के नाम से कोई वक्तव्य देता है, तो दूसरे को भी सफाई का मौका दिया जाता है। प्रो. रामगोपाल के साथ उनका नाम भी पुकारा गया, लेकिन सदन अव्यवस्थित हो गया। इस कारण वह सदन में अपनी बात नहीं कह पाए।
संगठन लेगा आगे का फैसला
संगठन के राष्ट्रीय महासचिव होने और पार्टी के प्रमुख रणनीतिकारों में शामिल होने के नाते सांसद की आगे की क्या तैयारियां हैं। इस सवाल पर सुमन ने कहा कि वे व्यक्ति हैं। पदाधिकारी भी हैं, लेकिन राष्ट्रीय और स्थानीय इकाइयां हैं। साथ में बड़े नेता भी हैं। बड़े फैसलों पर हमेशा पार्टी का संगठन ही फैसला लेता है। वे एक जिम्मेदार कार्यकर्ता की तरह पार्टी और संगठन का आदेश मानेंगे। आगे जो भी रणनीति बनाई जाएगी, उसी के मुताबिक काम किया जाएगा।
इंडिया गठबंधन साथ, किया वाकआउट
क्या इंडिया गठबंधन इस मामले में एकजुट है। इस सवाल के जवाब में सांसद ने कहा कि सभी पार्टियां पूरी तरह से एकजुट हैं। शुक्रवार को सभी दलों ने एक साथ राज्यसभा और लोकसभा से वाकआउट किया। राणा सांगा पर दिए गए बयान के बारे में उन्होंने कहा कि उप सभापति ने उसे रिकॉर्ड से निकाल दिया है। उन्होंने खुद कहा था कि अगर किसी की भावनाएं आहत हुई हैं, तो उसे सदन के रिकॉर्ड में न रखा जाए। अब जब भी उन्हें मौका मिलेगा सदन में बात रखेंगे।