दलित होने के कारण सांसद के घर हमला, अखिलेश यादव बोले मुख्यमंत्री एक्शन लें नहीं तो…
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि दलित होने के कारण आगरा में सपा सांसद रामजी लाल सुमन के घर पर हमला किया गया है। अखिलेश ने भाजपा सरकार और सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी इसे लेकर निशाना साधा।

राणा सांगा पर टिप्पणी को लेकर बुधवार को करणी सेना के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने आगरा में समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन के आवास पर हमला बोल दिया। बुलडोजर लेकर पहुंचे करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने पुलिस के सामने ही जमकर तोड़फोड़ की। इसे लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा और सीएम योगी पर सीधा हमला बोला है। अखिलेश यादव ने कहा है कि रामजी लाल सुमन के घर इसलिए अटैक हुआ है, क्योंकि वह दलित हैं।
अखिलेश यादव ने कहा कि आगरा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उपस्थित रहते हुए भी पीडीए के एक सांसद के घर पर कुछ लोगों द्वारा तोड़फोड़ की हिंसक वारदात जब रोकी नहीं जा सकती है तो फिर ज़ीरो टॉलरेंस तो ज़ीरो होना ही है। अखिलेश यादव पूछा कि क्या मुख्यमंत्री जी का प्रभाव क्षेत्र दिन पर दिन घट रहा है या फिर ‘आउटगोइंग सीएम’ की अब कोई सुन नहीं रहा है। अगर वो अभी भी मुख्यमंत्री हैं तो तुंरत कार्रवाई करें और दोषियों को AI से पहचानकर दंडित करें, नहीं तो मान लिया जाएगा कि पीडीए सांसद के खिलाफ ये सब उनकी अनुमति से हुआ है।
सपा सांसद और अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव ने भी हमले को लेकर कहा कि भाजपा ही हमले करा रही है। डिंपल ने कहा कि शासन प्रशासन वाले जानबूझकर समय पर नहीं पहुंचे हैं। सरकार ने ही यह सब कराया है। डिंपल ने कहा कि असमाजिक तत्व इस तरह की हरकतें कर रहे हैं। भाजपा और सरकार के लोग इनका समर्थन कर रहे हैं।
अखिलेश यादव ने विवाद को लेकर यह भी कहा कि समाजवादी पार्टी मेवाड़ के राजा राणा सांगा की वीरता और राष्ट्रभक्ति पर कोई सवाल नहीं कर रही। समाजवादी पार्टी सामाजिक न्याय और समतामूलक समाज की स्थापना में विश्वास करती है। हम कमजोर से कमजोर हर एक व्यक्ति को सम्मान दिलाना चाहते हैं। हमारा उद्देश्य किसी इतिहास पुरुष का अपमान करना नहीं हो सकता। भाजपा ने इतिहास के कुछ विषयों को सदैव राजनीतिक लाभ उठाने के लिए और देश को धार्मिक-जातिगत आधार पर विभाजित करने के लिए इस्तेमाल किया है।
उन्हेंने कहा कि हमारे सांसद ने सिर्फ एक पक्षीय लिखे गए इतिहास और एक पक्षीय व्याख्या का उदाहरण देने की कोशिश की है। हमारा कोई भी प्रयास राजपूत समाज या किसी अन्य समाज का अपमान करना नहीं है। आज के समय में बीते कल की मतलब ‘इतिहास’ की घटनाओं की व्याख्या नहीं की जा सकती। राजकाज के निर्णय अपने समय की परिस्थियों की मांग के हिसाब से लिए जाते थे। अखिलेश ने कहा कि इतिहास की घटनाओं के आधार पर आज की लोकतांत्रिक व्यवस्था नहीं चल सकती। भाजपा सरकार को अपनी भेदकारी आदत को सुधार कर जनता के रोजी-रोजगार, स्वास्थ्य और सुरक्षा पर कुछ ध्यान देना चाहिए। भाजपा दरारवादी पार्टी है।